हॉकी का कमाल दिखाएगी रीतिका, अंतरराष्ट्रीय सब जूनियर महिला हॉकी टीम में हुआ चयन
पिता ने दिहाड़ी मजदूरी कर बढ़ाया हौसला
संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। हौसले भी किसी हकीम से कम नहीं होते, हर तकलीफ में ताकत की दवा देते हैं। शहर की बेटी रितिका के हौसले भी कुछ ऐसे ही हैं। बचपन से ही तंगहाली में पली-बढ़ी रितिका ने जो कर दिखाया है, वह झांसी और देश के लिए गौरव की बात है। रितिका 9 से 18 अक्तूबर तक नीदरलैंड में आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय सब जूनियर महिला हॉकी भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करेंगी। रितिका के पापा ने दिहाड़ी मजदूरी करके रितिका को इस मुकाम कर पहुंचाया है। रीतिका बताती हैं कि बचपन से ही पापा की मेहनत देखकर ही उसे हौसला मिला है।
रितिका अहिरवार सीपरी बाजार के बृह्मनगर की एक कॉलोनी में रहती हैं। वह 12वीं की छात्रा हैं। इनके परिवार में मां हर्ष कुमारी और पिता धनप्रसाद के अलावा दो छोटी बहनें निशा और माधुरी व छोटा (12) भाई दीपक है। रितिका बताती हैं कि वह मूल रूप से झांसी के बघेरा गांव के अंतर्गत छोटे से अतरसुवा गांव की रहने वाली हैं। गांव में बहुत तंगहाली थी। इसलिए पापा आठ-दस साल पहले उन सभी को लेकर काम ढूंढने झांसी आ गए थे। लेकिन, झांसी में भी काम मिलना इतना आसान नहीं था। वह और उसके भाई-बहन भी बहुत छोटे थे। इस कारण से पापा ने दिहाड़ी मजदूरी शुरू कर दी। जब हफ्तों तक मजदूरी नहीं मिलती थी तो बहुत संकट होता था। कोरोना काल में जब कहीं काम नहीं था तो स्थिति काफी खराब हो गई थी।
काम करते-करते पापा दिहाड़ी मजदूर से राजमिस्त्री (ठेकेदारी) का काम करने लगे। इससे कुछ सालों से स्थिति में सुधार हुआ। लेकिन, अभी भी जब हफ्तों या महीनों काम नहीं मिलता तो संकट घर कर लेता है।
ओडिशा में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हुनर दिखाने का मिला मौका
रितिका बताती हैं कि उन्हें बचपन से हॉकी खेलने में रुचि थी। वर्ष 2018 में सनातन धर्म कन्या इंटर कॉलेज में हॉकी प्रशिक्षिका सुनीता तिवारी से प्रशिक्षण लेना शुरू किया था। खेल के आधार पर ही उनका मध्य प्रदेश हॉकी अकादमी में चयन किया गया। चार नेशनल और एक स्टेट चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन करने पर उन्हें वर्ष 2023 में ओडिशा में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपना हुनर दिखाने का मौका मिला था। इसमें बेहतरीन प्रदर्शन के आधार उनका चुनाव अंतरराष्ट्रीय सब जूनियर महिला हॉकी टीम में हुआ। रितिका ने बताया कि कोच सुनीता तिवारी और मां हर्ष कुमारी के साथ ही संजीव ध्यानचंद का विशेष सहयोग रहा है। तंगहाली में भी बच्चों की जरूरत पूरी करने की पूरी कोशिश करते हैं।