संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान (काफरी) अब देशभर की नर्सरी में पल रहे पौधों को ब्रांड बनाने जा रहा है। संस्थान अपने नए प्रोजेक्ट के तहत पहले देशभर की लाखों नर्सरी में तैयार हो रहे पौधों की जांच करेगा। इसके बाद पौधे की गुणवत्ता में सुधार करके स्टार रेटिंग दी जाएगी। रेटिंग मिलने के बाद पौधे देश-विदेश में अच्छे दामों पर बिक सकेंगे। संस्थान ने अपने इस नए प्रोजेक्ट की शुरुआत ओडिशा से कर दी है।
केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान (काफरी) पौधों की सेहत को दुरुस्त करने पर काम करता है। अब संस्थान ने देशभर की नर्सरी और उनमें पल रहे पौधों की गुणवत्ता में सुधार के लिए कृषि वानिकी नर्सरी मान्यता परियोजना तैयार की है। इसके तहत देशभर में पहली बार पौधों और नर्सरी की ब्रांडिंग की जाएगी। काफरी की टीम देशभर की नर्सरी में पौधों की विभिन्न पैमानों पर जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद नर्सरी और वहां विकसित पौधों को 2 से 5 के बीच स्टार रेटिंग प्रदान की जाएगी। इसके आधार पर नर्सरी को कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान प्रमाणपत्र प्रदान करेगा। इतना ही नहीं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन नर्सरी के पौधों को बेचने के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा। काफरी ने प्रोजेक्ट की शुरूआत ओडिशा से की है। इसके लिए काफरी की चार सदस्यीय वैज्ञानिक टीम ओडिशा भेजी गई है।
सीधे ग्राहकों को मिलेंगे फाइव स्टार रेटिंग वाले पौधे
जिन नर्सरियों को फाइव स्टार रेटिंग दी जाएगी, उन्हें अपना व्यापार बढ़ाने के लिए कहीं भी जाने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें काफरी अपने पोर्टल पर स्थान देगा। साथ ही यहीं पर उन्हें पौधों की खरीद के लिए ग्राहक भी ऑनलाइन मिल जाएंगे।
बुंदेलखंड में 150 से ज्यादा नर्सरी
पूरे बुंदेलखंड में 150 से अधिक नर्सरी हैं। इनमें से झांसी महानगर में ही 23 नर्सरी संचालित हैं। इनका कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान में पंजीकरण किया गया है। अभी तक बुंदेलखंड की 35 नर्सरी प्रोजेक्ट के तहत पंजीकृत की गई हैं।
अनुदान के लिए भी होंगे पात्र
काफरी ने पूरे प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार के पास अनुमोदन के लिए भेजा है। इसके बाद नर्सरी संचालकों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने के साथ ही बैंक से लोन मिलने में भी मदद मिलेगी।
प्रोजेक्ट में शामिल नर्सरी और उनके पौधों को परीक्षण के आधार पर रेटिंग प्रदान की जा रही है। इसका लाभ यह होगा कि संस्थान से जो सर्टिफिकेट नर्सरी संचालकों को मिलेगा, उसके आधार पर उन्हें अनुदान मिल सकेगा।
डॉ. ए. अरुनाचलम, निदेशक, काफरी।