झांसी के ग्रासलैंड में तैयार की जा रही घास, बुंदेलखंड के 3500 किसानों सहित देश के 25000 किसान कर रहे खेती
किसानों के जरिए पूरी की जा रही कलम की मांग, दुधारू पशुओं में दूध की मात्रा बढ़ाती है ये घास
संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान (ग्रासलैंड) की नेपियर हाइब्रिड ग्रास (घास) बुंदेलखंड के साथ-साथ कई राज्यों के किसानों को मोटा मुनाफा करा रही है। किसान इसे दुधारू मवेशियों के दूध में फैट बढ़ाने वाला बेहतरीन चारा मान रहे हैं। ऐसे में इसकी मांग बढ़ती ही जा रही है। अभी एक साल के अंतराल में हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, तामिलनाडु, कर्नाटक आदि राज्यों के किसानों ने नेपियर हाइब्रिड ग्रास की नौ करोड़ कलम की मांग संस्थान से की है। इसे पूरा करने के लिए फिलहाल संस्थान ने ग्रासलैंड की नेपियर हाइब्रिड ग्रास की खेती से जुड़े देशभर के 25000 किसानों को (क्षेत्रवार) डिमांड पूरी करने जानकारी भेजी है। ताकि किसान इसकी खेती बढ़ाएं और उन्हें अधिक मुनाफा हो। इसमें बुंदेलखंड के 3500 किसान भी शामिल हैं।
झांसी में ग्रासलैंड के 58 एकड़ कृषि फार्म पर नेपियर हाइब्रिड ग्रास की पैदावार की जा रही है। इसे यहां के वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद इतना लाभकारी बना दिया है कि इसका असर भी दिखाई देने लगा है। यहां लगाई गई नेपियर हाइब्रिड ग्रास का शुरुआती प्रयोग संस्थान ने अपने यहां शोध के लिए रखी गईं 150 से अधिक भदावरी भैंसों और 140 गायों पर किया था।
इसके सकारात्मक परिणाम यह प्राप्त हुए कि पशुओं के दूध में 14 प्रतिशत तक फैट की मात्रा बढ़ी पाई गई।
साथ ही मवेशियों में अच्छी प्रजनन क्षमता का भी विकास हो रहा। साधारण नेपियर ग्रास का उत्पादन ग्रासलैंड में 1997 में हुआ था। इसके बाद इसे इतना विकसित किया गया कि आज यह किसानों की पहली पसंद बना हुआ है।
लगता है कम पानी, एक हेक्टेयर में 2500 क्विंटल तक होता है उत्पादन
नेपियर हाइब्रिड ग्रास के लाभ को ऐसे भी समझा जा सकता है। वैज्ञानिक बताते हैं कि यह घास कम पानी में भी तेजी से विकसित होती है। किसान एक हेक्टेयर में प्रतिवर्ष 2500 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। यह घास 40 दिन में 5 फीट तक बढ़ जाती है और किसान इसकी साल में तीन से चार बार कटाई कर पैसा बना सकते हैं। इससे नेपियर हाइब्रिड ग्रास पर 1/3 तक खर्च कम हो जाता है।
किसान कलम बेचकर कर रहे मोटी कमाई
ग्रासलैंड में विकसित नेपियर हाइब्रिड ग्रास की कलम ई-कॉमर्स वेबसाइट पर 7 से 9 रुपये में बिक रही है। देश के विभिन्न राज्यों से यहां आने वाले किसान ग्रासलैंड से ग्रास की कलम 2-3 रुपये में ले जा रहे हैं। इसके बाद इसे अपने खेतों पर विकसित कर लेते हैं। इसका उन्हें यह लाभ मिल रहा है कि ग्रासलैंड उन्हें ग्राहक भी उपलब्ध करा रहा है। जब डिमांड आती है तो यह किसान उसे पूरा कर देते हैं।
पशुओं में दूध की मात्रा बढ़ाती है ये घास
ग्रासलैंड के सहायक जनसंपर्क अधिकारी नीरज दुबे के अनुसार नेपियर हाइब्रिड ग्रास में 55 से 60 प्रतिशत ऊर्जा तत्व एवं 8 से 10 प्रतिशत प्रोटीन होता है। यह पशुओं में दूध मात्रा को बढ़ाने और पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम व फास्फोरस जैसे तत्व भी पाए जाते हैं। भदावरी भैंस पर किए गए रिसर्च में यह भी बात सामने आई है कि यदि उन्हें नेपियर हाइब्रिड का नियमित सेवन कराया जाए तो दुग्ध उत्पादों के लिए उनका दूध अधिक उपयोगी हो सकता है।
संस्थान में विकसित की गई नेपियर हाइब्रिड ग्रास की कलम की डिमांड पूरे देश से करोड़ों में आ रही है। लेकिन, सीमित संसाधन के चलते हम मांग पूरी नहीं कर पाते। हालांकि, किसान हमसे न्यूनतम दर पर कलम ले जाकर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं। इसके लिए किसानों को डिमांड पूरी करने के लिए जानकारी दी जा रही है।
-डॉ. अमरेश चंद्रा, निदेशक, ग्रासलैंड।