बुंदेलखंड की गर्मी में भी पंजाब छुहारा टमाटर होगा लाल, कृषि वैज्ञानिक कर रहे रिसर्च

संवाद न्यूज एजेंसी

झांसी। बुंदेलखंड की भीषण गर्मी में यहां पैदा होने वाला देसी टमाटर तेज धूप के चलते अपनी रंगत और स्वाद दोनों खो देता है। ऐसे में किसानों को टमाटर की खेती का लाभ भी नहीं मिल पाता। इसी को देखते हुए केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के पंजाब छुहारा प्रजाति के टमाटर को बुंदेलखंड में विकसित करने के लिए रिसर्च कर रहा है। वैज्ञानिकों का दावा है कि जल्द ही बुंदेलखंड की जलवायु के अनुसार पंजाब छुहारा टमाटर यहां के किसान भी उगा सकेंगे।

बुंदेलखंड में मार्च, अप्रैल और मई माह में देसी टमाटर की खेती की जाती है। लेकिन, अक्सर ही यह खेती तेज गर्मी में नुकसान का सौदा साबित होती है। बुंदेलखंड में 23 हजार हेक्टेयर भूमि पर दो हजार से अधिक किसान देसी टमाटर की खेती करते हैं। लेकिन, यह खेती उनके लिए पारंपरिक खेती ही रह गई है।

गर्मी के दिनों में देसी टमाटर के सामने बाजार में जब लुधियाना से पंजाब छुहारा और बंगलूरू का टमाटर आता है तो यहां के टमाटर की रंगत फीकी पड़ जाती है। चूंकि, यहां गर्मी अधिक है तो ऐसे में यहां के किसान पंजाब छुहारा और बंगलूरू का टमाटर नहीं उगा पाता है। किसानों की इसी समस्या को दूर करने के लिए केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने अब पंजाब छुहारा टमाटर की प्रजाति को बुंदेली जलवायु के अनुरूप विकसित करने पर शोध शुरू किया है। इस शोध (रिसर्च) में छुहारा टमाटर के साथ ही देशभर से मंगाई गई 98 प्रकार के टमाटर की प्रजाति को यहां देसी टमाटर से ब्रीड कराया जा रहा है।

ये हैं टमाटर की प्रजातियां, जिन पर हो रहा शोध

टमाटर की उन्नत प्रजाति मानी जाने वाली अर्का सौरभ, अर्का विकास, अर्का आहूती, अर्का आशीष, अर्का आभा, अर्का आलोक, एचएस 101, एचएस 102, एचएस 110, हिसार अरुण, हिसार ललिता, हिसार ललित, हिसार अनमोल, केएस 2, नरेंद्र टमाटर 1, नरेंद्र टमाटर 2, पूसा रेड प्लस, पूसा अर्ली ड्वार्फ, पूसा रूबी, सीओ 1, सीओ 2, सीओ 3, एस 12, पंजाब छुहारा, पीकेएम 1, पैयूर 1, शक्ति, एसएल 120, पूसा गौरव, एस 12, पंत बहार, पंत टी 3, सोलन गोला, अर्का मेघाली, अर्का अभिजीत, अर्का श्रेष्ठ, अर्का विशाल, अर्का वरदान, पूसा हाइब्रिड 1, पूसा हाइब्रिड 2, सीओटीएच 1 हाइब्रिड टमाटर, रश्मि, वैशाली, रूपाली, नवीन, अविनाश 2, एमटीएच 4, सदाबहार, गुलमोहर और सोनाली है।

मिलता है अच्छा भाव, नहीं होता खराब

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि देसी टमाटर का छिलका पतला होने के चलते वह दो से तीन दिन में खराब हो जाता है। वहीं, पंजाब छुहारा प्रजाति के टमाटर का छिलका मोटा होता है, जो एक सप्ताह तक आसानी से रखा जा सकता है। जहां देसी टमाटर का बाजार भाव 15 से 20 रुपये होता है, वहीं पंजाब छुहारा के लिए प्रति किलो 25 से 30 रुपये मिल जाते हैं।

वर्जन

देशभर से लाई गईं 98 प्रकार के टमाटर की प्रजाति पर रिसर्च की जा रही है। जिसके अभी तक अच्छे नतीजे देखे जा रहे हैं। जल्द ही बुंदेलखंड के लिए पंजाब छुहारा टमाटर विकसित कर लेंगे।

-डॉ. आशुतोष सिंह, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विवि।



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