ललितपुर। गोविंद सागर और करकरावल जलप्रपात के पर्यटन विकास पर 5.27 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे सैलानी आकर्षित होंगे। इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इसके साथ ही अमझरा घाटी, देवा माता मंदिर, बालाबेहट, सौरई, बानपुर एवं मड़ावरा के किलों सहित अन्य स्थलों पर पर्यटन सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण एवं यात्री सुविधाओं के विकास हेतु 1550.00 करोड़ की डीपीआर भी तैयार की जा रही है।
जनपद में पर्यटन विकास की अपार संभावनाओं को देखते हुए डीएम अक्षय त्रिपाठी ने जनपद के पर्यटन स्थलों के विकास का प्रस्ताव शासन को भेजा है। उन्होंने कहा कि जनपद के प्रति व्यक्ति आय बढ़ोत्तरी पर्यटन विकास से ही संभव है। उन्होंने बताया कि जनपद प्राकृतिक संपदा एवं सांस्कृतिक धरोहरों से परिपूर्ण जिला है। यहां अनेक ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं। इनका विकास हो जाए तो जनपद पर्यटन के नक्शे पर अपनी पहचान बनाएगा।
इको टूरिज्म के तहत भेजा गया प्रस्ताव
जिला पर्यटक अधिकारी हेमलता ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में इको टूरिज्म के अंतर्गत दो परियोजनाओं गोविंद सागर एवं करकरावल जलप्रपात बादरौन के पर्यटन विकास के लिए संस्कृति निदेशालय को प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव में गोविंद सागर के लिए 192.89 लाख एवं करकरावल जलप्रपात के पर्यटन विकास के लिए 334.24 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
1550 करोड़ रुपये के डीपीआर हो रहे तैयार
वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य योजना के तहत पर्यटन सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के लिए 1550.00 करोड़ की डीपीआर तैयार किए जाने के लिए सर्वे कराया जा रहा है। इसके तहत अमझरा घाटी एवं तालबेहट में देवा माता मंदिर पर पर्यटन विकास, बालाबेहट किले पर बस स्टैंड का उच्चीकरण, किले तक पहुंच मार्ग पर स्ट्रीट फर्नीचर एवं किले पर पार्किंग व यात्री सुविधाओं का विकास, सौरई किले का संरक्षण एवं पर्यटन विकास होगा। वहीं, इस प्रस्ताव में बानपुर किले तक पहुंच मार्ग पर स्ट्रीट फर्नीचर एवं किले पर पार्किंग व यात्री सुविधाओं का विकास, मड़ावरा किले पर बस स्टैंड का उच्चीकरण, किले तक पहुंच मार्ग पर स्ट्रीट फर्नीचर एवं किले पर पार्किंग व यात्री सुविधाओं के विकास सहित अन्य पर्यटन स्थलों का विकास भी किए जाने की योजना है।