अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। दो साल के प्रेम संबंधों के बाद पूंछ के ग्राम डेरी निवासी प्रशांत और डॉली ने छह महीने पहले घर से भागकर शादी कर ली थी। दांपत्य जीवन में प्रवेश करने के बाद दोनों बेहद खुश थे, लेकिन अचानक एक सप्ताह पहले डॉली की तबीयत बिगड़ गई थी। झांसी और उरई के मेडिकल काॅलेज में उसका इलाज कराया गया। तांत्रिक तक के पास ले गए लेकिन असर नहीं हुआ। शनिवार को इलाज के दौरान डॉली की सांसें थम गईं। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया गया।
ग्राम डेरी निवासी भैयालाल का बेटा प्रशांत उर्फ सुमित जालौन जिले के पिरौना कस्बे के एक इंटर कॉलेज में पढ़ता था। इसी बीच उसकी दोस्ती स्कूल में ही पढ़ने वाली पिरौना निवासी डॉली से हो गई थी। दोनों के बीच प्रेम संबंध हो गए और शादी करना चाहते थे। लेकिन, घरवाले शादी के लिए तैयार नहीं थे। इससे इसी साल फरवरी माह में दोनों घरवालों को बगैर बताए अमृतसर चले गए और वहां एक मंदिर में शादी कर ली। जानकारी होने पर प्रशांत के घरवालों ने उसे डॉली के साथ घर वापस बुला लिया। इसके बाद डॉली प्रशांत के घर में ही उसके साथ रहने लगी। सबकुछ ठीक चल रहा था। इसी बीच 16 जुलाई को डॉली की अचानक तबीयत खराब हो गई। उसे इलाज के लिए उरई मेडिकल कॉलेज और उसके बाद झांसी मेडिकल कॉलेज लाया गया। इस बीच एक तांत्रिक का भी सहारा लिया गया, लेकिन डॉली की हालत में सुधार नहीं हुआ। शनिवार को मेडिकल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
प्रशांत के परिजनों ने बताया कि डॉली की तबीयत खराब होने की सूचना उसके घरवालों को भी दी गई थी। उसे अस्पताल में केवल चाचा-चाची ही देखने आए थे। माता-पिता व भाई-बहन शादी से खुश नहीं थे। इससे वह उससे मिलने नहीं आए।