पड़ताल के लिए पुलिस के पास भेजे जा चुके हैं 10 हजार फार्म, नहीं आई एक भी आवेदन की रिपोर्ट
– चिट फंड कंपनियों में फंसी रकम की वापसी की प्रक्रिया नहीं बढ़ पा रही आगे
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। चिट फंड कंपनियों में जमा रकम की वापसी की आस में चार महीने पहले कई-कई दिन धूप में तपकर जिले के 90 हजार लोगों ने आवेदन जमा किए थे, जिनका पुलिस से सत्यापन कराया जाना है। इसके लिए 10 हजार आवेदन पुलिस के पास भेजे भी जा चुके हैं, लेकिन अब तक इनमें से एक भी रिपोर्ट नहीं आई है। ऐेसे में जिला प्रशासन द्वारा जल्द पैसा दिलाने का दावा लोगों के अरमानों पर पानी फेर रहा है। जबकि, रिपोर्ट आने के बाद ही आवेदनों का ब्योरा शासन को भेजा जाएगा और इसके बाद रकम वापसी की कार्यवाही शुरू होगी।
झांसा देकर चिट फंड कंपनियों द्वारा लोगों से जमा कराई गई रकम की वापसी के लिए बड्स एक्ट 2019 के तहत आवेदन लिए गए थे। इसकी शुरुआत छह फरवरी से हुई थी। आवेदन लेने के लिए अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) के न्यायालय कक्ष में शुरुआत में एक खिड़की खोली गई थी। लेकिन, पहले ही दिन से अप्रत्याशित रूप से लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी।
इसके बाद तीन खिड़की ओर खोली गईं थीं। इसके बाद भी लोगों को राहत नहीं मिल पाई थी। चिट फंड कंपनियों में फंसा पैसा वापस पाने की आस में एक महीने तक कलक्ट्रेट में आवेदकों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं थीं। कड़ी धूप में धक्का-मुक्की के बीच लोगों को अपने आवेदन जमा करने के लिए घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ा था। महज एक महीने में ही जिले के लोगों के 90 हजार आवेदन आ गए थे।
सभी को उम्मीद थी कि जल्द ही उनकी रकम वापस मिल जाएगी। लेकिन, यहां स्थिति अलग ही है। दरअसल, सभी आवेदनों का पुलिस से सत्यापन कराया जाना है। ऑनलाइन फीडिंग करने के बाद यह आवेदन पुलिस के पास भेजे जा रहे हैं। अब तक 10 हजार आवेदन पुलिस के पास भेजे जा चुके हैं। पुलिस को संबंधित थानों से आवेदनों का सत्यापन कराकर वापस कलक्ट्रेट पहुंचाने हैं।
इसके बाद यह आवेदन शासन के पास भेजे जाएंगे। इसके बाद रकम वापसी की कार्यवाही शुरू की जाएगी। लेकिन, अब तक एक भी सत्यापन रिपोर्ट वापस नहीं आई है। ऐसे में जाहिर है कि लोगों को अपनी डूबी हुई रकम को वापस पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
किसी को चुकाना है बेटियों की शादी का कर्ज, किसी को खरीदना है घर
झांसी। चिट फंड कंपनियों में डूबी अपनी रकम वापस लेने के लिए जिस तरह सारा-सारा दिन भूखी-प्यासी भीड़ ने लाइन में खड़े होकर अपने दस्तावेज जमा किए, उसके बाद से अब तक उन्हें पैसा मिलने की कोई आस नहीं दिख रही है। आवेदन जमा कर रहे लोगों में कई ने बताया था कि उन्हें अपनी बेटियों की शादी में लिया गया कर्ज लौटाना है। वहीं किसी ने कहा था कि उन्हें अपना घर खरीदना है। कई ने तो पैसा बुढ़ापे के लिए जमा किया था, लेकिन अब उनका बुढ़ापा बिना पैसे के अभाव में कट रहा है।
2013 करोड़ दबाए बैठी हैं चिट फंड कंपनियां
झांसी। चिट फंड कंपनियों के झांसे में आकर बुंदेलखंड के झांसी, जालौन, ललितपुर, बांदा, महोबा, हमीरपुर व चित्रकूट के लोग अपना 2013 करोड़ रुपये गवां चुके हैं। इस रकम की वापसी के लिए ये लोग सालों से अफसरों के दरवाजे खटखटाते चले आ रहे हैं। बावजूद इसके हाथ में निराशा ही आ रही थी। लेकिन, जब बड्स एक्ट 2019 के तहत आवेदन लिए जाने की प्रक्रिया शुरू हुई तो लोगों में डूबी हुई रकम वापस पाने की उम्मीद जगी, जिसके चलते आवेदनों के लिए लोग उमड़ पड़े थे।
आए हुए आवेदनों की फीडिंग लगातार जारी है। नियमानुसार आवेदन सत्यापन के लिए नियमित रूप से पुलिस के पास भी भेजे जा रहे हैं। सत्यापन की कार्रवाई जारी है।
– आरएस वर्मा, अपर जिलाधिकारी