अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। एंटी वायरस बेचने की आड़ में विदेशियों से ऑनलाइन ठगी करने वाले चारों जालसाज तकनीकी के माहिर हैं। पुलिस से बचने को यह लोग तकनीक का सहारा लेकर बांग्लादेश के नेटवर्क का इस्तेमाल करते थे। पुलिस टीम इनकी यह तकनीक समझाने में जुटी है।

पुलिस के मुताबिक गुरसराय के गांधी नगर निवासी करन सिंह चारों में सबसे शातिर है। करन सबसे पहले दिल्ली नौकरी करने गया था। यहां अजीत से उसकी दोस्ती हो गई। अजीत ने ही करन को ऑनलाइन ठगी का आइडिया सुझाया। करन के पुलिस से पकड़े जाने की आशंका जाहिर करने पर अजीत ने उसे बांग्लादेश के सर्वर के इस्तेमाल करने का तरीका सिखाया। इसकी मदद से पुलिस की निगाह में आए बिना वह ठगी करने लगा। झांसी वापस लौटने के बाद करन ने अपने भाई लखपत एवं अजय को भी यह काम सिखा दिया। कुछ दिनों बाद अपने दोस्त बॉबी को गिरोह में शामिल कर लिया। पिछले दो साल से यह लोग मऊरानीपुर में एक किराए का घर लेकर ऑनलाइन ठगी कर रहे थे लेकिन, बॉबी का मऊरानीपुर के कुछ लड़कों से विवाद हो गया। इन लोगों ने भी कुछ समय तक इनके साथ काम किया था लेकिन, बाद में अलग हो गए। इन लोगों ने ही पुलिस को इनके कारनामों के बारे में बता दिया। बता दें कि मऊरानीपुर पुलिस ने सोमवार को इन चारों को गिरफ्तार कर लिया था। आपसी फूट पड़ जाने से पूरा फर्जीवाड़ा उजागर हो गया। पूछताछ में करन ने पुलिस को बताया कि एक हजार से अधिक लोगों से करीब पचास लाख रुपये की ठगी कर चुके। पूछताछ में करन ने पुलिस को बताया कि निगाह में आने से बचने को वह लोग बेहद मामूली रकम की ठगी करते थे। विदेशियों को शिकार बनाने से डॉलर में भुगतान मिलता था। 10-20 डॉलर लेने की वजह से कोई शिकायत नहीं कराता था। एसपी (आरए) गोपीनाथ सोनी का कहना है इनका नेटवर्क दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम आदि से जुड़ा है। मास्टर माइंड के बारे में अभी पता लगाया जा रहा है।



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