अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। वीडीओ परीक्षा में पांच सॉल्वर पकड़े गए लेकिन, पुलिस इस खेल के मास्टर माइंड तक पहुंचने में नाकामयाब रही। लंबी पूछताछ के बाद भी पुलिस सॉल्वरों से उनको लाने वालों के नाम नहीं उगलवा सकी। 24 घंटे तक खाली हाथ रहने के बाद आखिरकार पुलिस ने बुधवार को सभी पांच साल्वरों को जेल भेज दिया। इनमें से एक बीएड छात्र है जबकि दूसरा बीटेक उत्तीर्ण कर चुका। अन्य तीनों प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। यह पांचों मामूली रकम लेकर दूसरे की जगह इम्तहान देने बैठे थे।

ग्र्राम विकास अधिकारी एवं समाज कल्याण पर्यवेक्षक पद की परीक्षा के दौरान सोमवार को आर्य कन्या इंटर कॉलेज से एक जबकि मंगलवार को कुलदीप सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज से दो, ज्ञानस्थली पब्लिक स्कूल एवं एसबी इंटर कॉलेज से एक-एक साल्वर पकड़ा गया। इन सभी को लखनऊ से यहां लाया गया। इनको यहां लाने में इस्तेमाल की कार भी पुलिस ने बरामद कर ली लेकिन, मास्टर माइंड तक पुलिस नहीं पहुंच सकी। पूछताछ में पकड़े गए साल्वरों ने बताया कि उनको 50 हजार से एक लाख रुपये देने का वायदा किया गया था। परीक्षा देने से पहले 25-30 हजार रुपये पेशगी भी दी गई। ज्ञानस्थली पब्लिक इंटर कॉलेज से पकड़ा गया सॉल्वर बिहार (नालंदा) निवासी आशुतोष बीएड का छात्र है। उसने पुलिस को बताया कि एक लाख रुपये मिलने के लालच में वह दूसरे की जगह परीक्षा में बैठने को राजी हो गया। एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह के मुताबिक पकड़े गए दूसरे सॉल्वरों से भी पुलिस ने पूछताछ की लेकिन, मास्टर माइंड के बारे में पता नहीं चला। जिनकी जगह यह इम्तहान देने बैठे थे, उनके खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की गई है।

सॉल्वर के चक्कर में फंसकर घनचक्कर हुई प्रेमनगर पुलिस

हंसारी स्थित एसबी इंटर कॉलेज में पकड़ा गया सॉल्वर नितिन गोयल पुत्र दुलीचंद्र निवासी हापुड़ ने प्रेमनगर पुलिस को जमकर घनचक्कर बनाया। पुलिस को उसका सही नाम जानने में ही काफी पसीना बहाना पड़ गया। परीक्षा केंद्र में पकड़े जाने के बाद से ही वह पुलिस को गुमराह करने लगा। अपना सही नाम तक नहीं बता रहा था। थाने पर जब पुलिस ने कड़ाई की तब उसने अपना नाम आदर्श श्रीवास्तव निवासी गोरखपुर बता दिया। पुलिस ने जब आगे पूछताछ की तब जाकर उसने अपना सही नाम नितिन गोयल बताया। नितिन ने बीटेक किया है। उसने पुलिस को बताया कि लखनऊ में सोमवार को वह परीक्षा मेंं शाामिल होकर यहां आया था। पिछले कई साल से वह इसी तरह दूसरे छात्रों की जगह पर बैठकर परीक्षा देता था।

पुलिस के फर्जी परिचय पत्र के सहारे जमाते थे धौंस

सॉल्वरों के पास से पुलिस के फर्जी परिचय पत्र भी बरामद हुआ है। साल्वरों ने बताया कि फर्जी परिचय पत्र के सहारे वह आस पड़ोस के लोगों के बीच धौंस जमाते थे। इसके अलावा उनके पास से फर्जी एडमिट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, फर्जी पेन कार्ड, निर्वाचन कार्ड, मोबाइल फोन समेत अन्य वस्तुएं भी बरामद हुई हैं।



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