अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। हादसे में कार के अगले हिस्से के परखच्चे उड़ गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बस की रफ्तार काफी तेज थी। बांका पहाड़ी पहुंचने से पहले भी बस चालक तेज रफ्तार में बस दौड़ा रहा था। उसमें सवार लोगों ने बस चालक को टोका भी लेकिन, चालक ने रफ्तार कम नहीं की। उसके दस मिनट बाद ही जैसे ही बस बांका पहाड़ी के पास पहुंची अचानक सामने कार के आ जाने से वह बस पर काबू नहीं पा सका। सीधे कार को टक्कर मार दी। बस की तेज रफ्तार कार सवार चार लोगों की जिंदगी लील ले गई। हादसे में कार का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। अगली सीट पर ही ड्राइवर पुष्पेंद्र के बगल में रामलाल पाल बैठा हुआ था। पिछली सीट पर फूला, शोभा और पौत्रवधू रश्मि बैठीं थीं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि टक्कर इतनी जोरदार थी कि अगली सीट और पिछली सीट से जाकर चिपक गई थी। हादसे के चंद मिनट के भीतर ही रामलाल ने दम तोड़ दिया था जबकि फूला और शोभा की भी अत्यधिक खून बह जाने की वजह से कुछ देर बाद मौत हो गई। कार सवार लोगों की करीब एक घंटे तक शिनाख्त नहीं हो सकी थी। काफी मशक्कत के बाद पुलिस उनकी शिनाख्त कर सकी।
पांच माह पहले ही हुई थी रश्मि की शाादी
हादसे की खबर लगते ही परिवार के लोग भी रोते-बिलखते वहां पहुंच गए। रश्मि का पति अटल भी अस्पताल पहुंच गया। परिजनों का कहना है कि रश्मि की शादी अभी पांच माह पहले फरवरी माह में हुई थी। कुछ माह तक वह मायके में रही। इसके बाद करीब तीन माह पहले ही अपने ससुराल आई थी। उसी समय उसकी तबीयत खराब रहने लगी। यह बात उसने अपने पति अटल को बताई। परिवार के लोग मध्य प्रदेश के सेंदरी गांव में रहने वाले एक वैद्य से इलाज कराते थे। इसी गांव में एक तांत्रिक भी रहता है। परिवार के लोग नई बहू पर ऊपरी साया मानकर उससे भी झाड़ फूंक कराने को ले जा रहे थे। पति अटल ने किराए की कार का इंतजाम किया लेकिन, बाहर होने की वजह से वह साथ में नहीं जा सका।