अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। सूबे में समय के साथ बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। जबकि तापीय ऊर्जा उत्पादन इकाई की क्षमता घट रही है। इसके समय पर अपडेट न होने से बिजली उत्पादन कम हो गया। करीब 39 साल पुराने पारीछा स्थित थर्मल पावर प्लांट में मशीनें पुरानी हो जाने एवं मरम्मत न होने की वजह से दो इकाई बंद हो चुकीं जबकि पिछले करीब दस साल से यहां कोई नई इकाई नहीं लगी। इस वजह से इसकी उत्पादन क्षमता में करीब 220 मेगावाट की कमी आई है। पहले यहां 1140 मेगावाट बिजली रोजाना पैदा होती थी लेकिन, अब यह घटकर 920 मेगावाट रह गई है। उत्पादन गिरने से प्लांट दूसरे से खिसककर चौथे नंबर पर जा पहुंचा है।
उप्र में पांच मुख्य तापीय विद्युत उत्पादन इकाइयां काम रही हैं। इनमें पारीछा समेत अनपरा ताप विद्युत गृह, ओबरा ताप विद्युत गृह, पनकी ताप विद्युत गृह एवं हरदुआगंज ताप विद्युत गृह शामिल हैं। पारीछा थर्मल प्लांट में छह विद्युत उत्पादन इकाइयों की मदद से कुल 1140 मेगा वाट रोजाना बिजली बनती थी लेकिन, 110-110 मेगावाट की दो इकाई करीब पांच साल पहले बंद हो जाने से उत्पादन घटकर करीब 920 मेगावाट रह गया। उत्पादन इकाई अफसरों का कहना है वर्ष 1984 में पावर प्लांट की पहली यूनिट आरंभ हुई। 31 मार्च 1984, 31 मार्च 1985 के बीच प्लांट में 110-110 मेगावाट विद्युत उत्पादन के दो संयंत्र लगे। इसके बाद 18 अप्रैल 2013 को 250 मेगावाट क्षमता का आखिरी प्लांट लगा लेकिन, तकनीकी पुरानी होने एवं मरम्मत न होने से यूनिट पुरानी पड़ती गई। पांच साल पहले 110-110 मेगावाट बिजली उत्पादन वाली दो इकाई बंद कर दी गईं। उसके बाद से अब यहां कोई नई यूनिट आरंभ नहीं हुई। सिर्फ 210 मेगावाट की दो एवं 250 मेगावाट की दो यूनिट से ही उत्पादन हो रहा है।
इनसेट
पारीछा पावर प्लांट की इकाइयों का ब्योरा
इकाई क्षमता (मेगावाट) स्थापित होने का वर्ष
पहली 110 31 मार्च 84
दूसरी 110 31 मार्च 85
तीसरी 210 24 नवंबर 2006
चौथी 210 एक दिसंबर 2007
पांचवी 250 17 जुलाई 2012
छठीं 250 18 अप्रैल 2013
दूसरे स्थान से पिछड़कर चौथे नंबर पर पहुंचा प्लांट
सूबे में पिछले साल तक पारीछा पावर प्लांट 1140 मेगावाट बिजली पैदा करके सूबे में दूसरे नंबर पर था लेकिन, पिछले वर्ष हरदुआगंज की क्षमता बढ़ जाने से पारीछा प्लांट खिसककर चौथे नंबर पर पहुंच गया। हरदुआगंज की क्षमता 610 मेगावाट से बढ़कर 1270 मेगावाट हो गई जबकि पारीछा की 1140 मेगावाट से घटकर 920 रह गई है। वहीं, अनपरा 2630 मेगावाट बिजली का उत्पादन करके पहले नंबर पर बरकरार है।
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दोनों इकाइयों में उत्पादन काफी समय पहले से ही बंद है। अभी नई इकाई का कोई प्रस्ताव तैयार नहीं किया गया है। नई इकाई स्थापित करने से पहले पुरानी को हटाना होगा।
एमके सचान
महाप्रबंधक