अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। भारी भरकम बकाया बिजली बिल की वापसी के लिए बिजली महकमे ने ओटीएस स्कीम एकमुश्त समाधान योजना लागू की थी लेकिन, बकायेदारों की जेब से यह स्कीम भी पैसा निकलवाने में कामयाब नहीं हो सकी। करीब दो साल तक बिजली अफसर इसके जरिए बकाया जमा होने की उम्मीद करते रहे लेकिन, इसका फायदा नहीं हुआ। 700 करोड़ रुपये के बकाये में ओटीएस से सिर्फ 16.50 करोड़ रुपये ही जमा कराए जा सके। उपभोक्ताओं पर अभी भी 683.50 करोड़ रुपये की भारी-भरकम देनदारी है।

बकायेदारों की बड़ी संख्या को देखते हुए बिजली विभाग ने दो साल पहले एक मुश्त समाधान योजना ओटीएस आरंभ की थी। ओटीएस के जरिए अलग-अलग खंड में अफसरों के लिए लक्ष्य तय हुए लेकिन, तमाम कोशिशों के बावजूद ओटीएस शिविर तक उपभोक्ता नहीं पहुंंचे। सबसे बुरी दशा ग्रामीण इलाकों की रही। ग्रामीण इलाके में 1,52,612 उपभोक्ताओं पर करीब 700 करोड़ रुपये बकाया है। इस बकाये को खत्म करने के लिए वर्ष 2021 में ओटीएस आरंभ की गई थी। दो साल में इस योजना के जरिए 20 हजार उपभोक्ताओं ने करीब 16.50 करोड़ रुपये चुकाये। अभी करीब 1.30 लाख उपभोक्ताओं पर करीब 683.50 करोड़ रुपये का बकाया शेष है। वहीं, महानगर में करीब 14700 उपभोक्ताओं पर कुल 7.67 करोड़ रुपये बकाया था। शहरी इलाके में इसका फायदा हुआ। उपभोक्ताओं से करीब 5 करोड़ रुपये जमा कराए गए लेकिन, ग्रामीण इलाकों का बकाया ही ओटीएस स्कीम पर भारी पड़ गया। यह रिपोर्ट शासन को भेजी गई। इसके बाद यह स्कीम बंद कर दी गई। अब इसके दोबारा आरंभ करने की उम्मीद है। शासन की ओर से इसके लिए फिर से रिपोर्ट मांगी गई है। अधीक्षण अभियंता ग्रामीण एसके अग्रवाल का कहना है कि ओटीएस से बकाया वसूली करने में मदद होगी।



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