-बोले, हमारी गलती नहीं, हमने तो परीक्षा दी थी, बीयू ने की तकनीकी गड़बड़ी

परीक्षा निरस्त होने पर परेशान विद्यार्थी,

संवाद न्यूज एजेंसी

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने तकनीकी गड़बड़ी बताकर पूरक परीक्षा के साथ जनवरी में आयोजित हुई बीएएमएस की मुख्य परीक्षा निरस्त कर दी है। वहीं इससे नाराज परीक्षार्थी बुधवार को बीयू प्रशासनिक विभाग के बाहर धरने पर बैठ गए। उनका आरोप है कि यह बीयू प्रशासन की गड़बड़ी है।

बुंदेलखंड विश्वविद्यालयों में परीक्षा निरस्त होने से नाराज विद्यार्थियों ने प्रशासनिक भवन में धरना-प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों का कहना है कि बीयू प्रशासन की ओर से पूरक परीक्षा के साथ-साथ मुख्य परीक्षा के फार्म भराये गए थे। उन लोगों ने फार्म भरकर अपनी मुख्य परीक्षा दे दी। लेकिन, परीक्षा होने के तीन माह बाद बीयू ने परीक्षा निरस्त कर दी।

वहीं परीक्षार्थी इस बात पर अड़े हैं कि जब गलती विवि की है तो उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है?

वहीं बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि बीएएमएस पाठ्यक्रम के बैच 2015, 2016, 2017, 2018, 2019, 2020 के प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ व्यावसायिक के विद्यार्थियों की पूरक परीक्षा आयोजित होनी थी। लेकिन, परीक्षा फार्म में पूरक और मुख्य परीक्षा संबंधी ऑप्शन न होने के कारण कुछ परीक्षार्थियों ने भी मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन कर दिया था।

ऐसे में सभी परीक्षार्थियों के परीक्षा में शामिल न होने के कारण परीक्षा मुख्य परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों की परीक्षा निरस्त करनी पड़ी है। हालांकि इसके लिए कुलपति ने एक परीक्षा समिति भी गठित की थी। जिसने जांच करके परीक्षा निरस्त की है, साथ ही यही परीक्षा फॉर्म अगली परीक्षा के लिए मान्य किए हैं।

हम अंतिम वर्ष के छात्र हैं, आखिरी समय में परीक्षा निरस्त होने से हमारा एक साल बर्बाद हो जाएगा। – अभय

बीयू ने परीक्षा के आवेदन फाॅर्म खोले, हमने फाॅर्म भरा और परीक्षा दी। तकनीकी गलती बीयू की है हम सजा क्यों भुगतें? – कीर्ति

पहले से ही हमारा सत्र देरी से चल रहा है, जब परीक्षा आयोजित हो चुकी है तो परिणाम घोषित किया जाए। – सुमित

प्रश्नपत्र पर भी मुख्य परीक्षा/पूरक परीक्षा लिखा था, यदि सिर्फ पूरक परीक्षा थी तो पूरक परीक्षा के प्रश्नपत्र होने चाहिए थे। – हर्षिता

यह बीयू प्रशासन की तकनीकी गड़बड़ी है, लेकिन अब हम विद्यार्थियों से परीक्षा संबंधी साक्ष्य मांगे जा रहे हैं। – शिक्षा

हमारा समय खराब हो रहा है, उसका जिम्मेदार कौन होगा? बीयू तो हम विद्यार्थियों को दोषी बनाकर एक तरफ हो गया। – मंतशा

पूरक परीक्षा के लिए परीक्षा फाॅर्म मांगे गए थे। जिसमें कुछ मुख्य परीक्षा के परीक्षार्थी भी फार्म भरकर परीक्षा में सम्मिलित हो गए। जिस कारण परीक्षा निरस्त की गई है। परीक्षा समिति इस गड़बड़ी की जांच कर रही है। विद्यार्थियों से परीक्षा संबंधी साक्ष्य मांगे गए हैं। – राज बहादुर परीक्षा नियंत्रक, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय



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