अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। बुंदेलखंड में पांच साल में 1900 से ज्यादा मुंह कैंसर के मरीज मिल चुके हैं। वहीं, साढ़े नौ सौ लोग फेफड़ों के कैंसर की चपेट में आए हैं। ये आंकड़े महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज से सामने आए हैं। ज्यादातर मरीजों को तंबाकू या इससे संबंधित पदार्थों का सेवन करने की वजह से मुंह और फेफड़े का कैंसर हुआ है।

झांसी समेत बुंदेलखंड में लोग तंबाकू का अधिक सेवन करते हैं। मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. सचिन माहुर ने बताया कि लंबे समय तक तंबाकू का सेवन करने से कैंसर होने का खतरा रहता है। मेडिकल कॉलेज में हर साल पंजीकृत होने वाले नए कैंसर मरीजों में 40 फीसदी मुख कैंसर से पीड़ित होते हैं। करीब 20 फीसदी मरीजों को फेफड़ों का कैंसर होता है। मुख और फेफड़े कैंसर होने का मुख्य कारण तंबाकू या इससे संबंधित पदार्थों का सेवन करना है। उन्होंने बताया कि तंबाकू में निकोटीन होता है, जो शरीर में जाकर कैंसर का कारक बनता है। हर महीने 80 मरीजों की कीमोथेरेपी होती है, इसमें 50 मरीज मुख और फेफड़े के कैंसर के होते हैं। मेडिकल कॉलेज में पिछले पांच सालों में 4764 नए कैंसर के मरीज पंजीकृत हो चुके हैं। इसमें 1905 मुख और 952 फेफड़ों के कैंसर के हैं।

पांच सालों में मिले मरीज

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वर्ष कैंसर रोगी

2018 998

2019 1023

2020 1300

2021 481

2022 962

कैंसर के खतरे ये ऐसे बच सकते

– तंबाकू, धूम्रपान का सेवन न करें।

– बहुत अधिक तनाव न लें।

– नियमित योग, व्यायाम करें।

– फलों, सब्जियों समेत संतुलित आहार लें।



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