अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। अपनी बीमार भाभी का इलाज कराने के लिए एक युवक चोर बन गया। वह जन्माष्टमी के दिन मोंठ के मुरली मनोहर मंदिर में पहुंचा और वहां पूजा की। भगवान के सामने खूब रोया। बाद में राधा और कृष्ण की मूर्तियों से जेवरात चोरी कर लिए। गिरफ्तार युवक ने मीडिया के समक्ष बताया कि मंदिर में सोने के भी जेवरात थे। लेकिन उसे केवल 40 हजार की जरूरत थी लिहाजा उतनी ही कीमत के चांदी के जेवरात चुराए।
एसपी (ग्रामीण) गोपीनाथ सोनी के मुताबिक 6 सितंबर की रात मुरली मनोहर मंदिर से चाेर चांदी के दो छत्र, दो मुकुट, एक कुंडल समेत अन्य गहने चुरा ले गया था। पुलिस ने मंदिर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों से पड़ताल की। मालूम चला कि मंदिर के पास रहने वाला रंजीत ताम्रकार (35) पुत्र लालाराम रात 12:40 बजे घर से मंदिर आया। फिर चोरी कर 1:15 बजे वापस चला गया। शक होने पर उसकी तलाश की जा रही थी। बुधवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने चोरी की बात कुबूल कर ली। पुलिस को उसने बताया कि 6 सितंबर की शाम को मंदिर गया था। प्रसाद लेने के बाद भगवान से प्रार्थना करते हुए कहा कि आज तेरे घर पर चोरी करुंगा। दूसरी जगह चोरी करने से अच्छा है, जितने पैसों जरूरत है आप ही दे दो। रंजीत का कहना था कि उसे भाभी के इलाज के लिए 35-40 हजार रुपये की जरूरत थी। इस वजह से उसने सिर्फ चांदी के गहने ही चुराए। मंदिर में सोने के गहने भी थे लेकिन, इन गहनों को उसने हाथ नहीं लगाया। मंदिर से चोरी करके गहने उसने अपने घर के आंगन में दबा दिए। गहनों को वह बेचने की फिराक में था।
ब्याज और परिजनों की बीमारी से था परेशान
आरोपी रंजीत ने पुलिस पूछताछ में बताया कि भाई, भाभी, मां एवं भतीजों के इलाज के लिए उसने काफी पैसा उधार लिया था। वह एक कपड़े की दुकान में काम करता था लेकिन, इससे वह ब्याज भी नहीं चुका पा रहा था। भाभी के इलाज के लिए 35 हजार रुपये की जरूरत थी। यह पैसा उसे कहीं से मिल नहीं रहा था। इसके लिए उसने चोरी करने का मन बनाया। उसे दूसरी जगह चोरी करने से अच्छा पड़ोस के मंदिर में चोरी करना अधिक सुरक्षित लगा। इस वजह से उसने मंदिर में चोरी की।