प्रभारी सीवीओ का रुपये लेने का वीडियो हुआ था वायरल
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। भूसा टेंडर मामले में सीवीओ द्वारा रिश्वत लेने का वीडियो वायरल होने के मामले में अपर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पुलिस ने जांच शुरू कर दी। जांच में पुलिस गहनता से छानबीन करते हुए प्रत्येक कड़ी को जोड़ रही है। जांच के बाद एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
हाल ही में प्रभारी पशु चिकित्साधिकारी का रुपये लेने का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें गोआश्रय स्थलों में भूसा टेंडर की धनराशि बढ़ाए जाने को लेकर रिश्वत लेने का आरोप लगा। सीवीओ का वीडियो वायरल होने के बाद जिलाधिकारी आलोक सिंह ने पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कराने के बात कही थी।
पत्र के क्रम में पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल ने पूरे मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपते हुए जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। जिसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में रिश्वत कांड के वीडियो की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है।
प्रारंभिक जांच में पुलिस वीडियो की सत्यता, कब का यह वीडियो है, उक्त कमरे में कौन कौन शामिल था सहित अन्य बिंदुओं की सूची तैयार कर उन बिंदुओं पर गहनता से जांच शुरू कर दी है।
अवकाश से लौटे प्रभारी रहे सीवीओ
रिश्वत कांड का वीडियो वायरल होने की भनक लगने के बाद प्रभारी रहे सीवीओ एसके पांडेय अवकाश पर चले गए थे। जनपद में इस मामले के तूल पकड़ने और गोवंशों के भूसा सप्लाई में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद जिलाधिकारी ने एसके पांडेय को प्रभारी पद से हटा दिया था। इसके बाद मंगलवार को प्रभारी पद से हटाए गए एसके पांडेय ड्यूटी पर लौट आए हैं।
निविदा की शर्तों में रियायत दिलाने की भी चर्चा
प्रभारी सीवीओ रहे एसके पांडेय के रुपये लेने का वीडियो वायरल होने के बाद अब तरह-तरह की चर्चाएं हैं। भूसा ठेका की धनराशि बढ़ाने के साथ यह भी चर्चा हो रही है कि शासन द्वारा भूसा ठेका में निर्धारित की गई शर्तों में रियायत दिलाने का प्रयास भी कराया जा रहा था। शासन की शर्तों में गोआश्रय स्थलों पर भूसा का ठेका लेने वाले के लिए शर्तें तय की गई हैं। भूसा सप्लाई का तीन वर्ष का अनुभव, चालीस लाख का टर्नओवर सहित अन्य शर्तें लगाई गई हैं।