बबीना। भेल शिक्षा निकेतन को निजी प्रबंधन को देने का कर्मचारी लगातार विरोध कर रहे हैं। बुधवार को कर्मचारियों ने भेल शिक्षा निकेतन के लिए चल रही टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की। साथ ही भेल शिक्षा निकेतन के दोबारा आरंभ न होने पर कर्मचारियों ने सामूहिक आत्मदाह करने की बात कही है।
भारत हैवी इलेक्टि्रकल्स लिमिटेड भेल की भेल एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संचालित भेल शिक्षा निकेतन को प्रबंधन निजी हाथों में सौंप रहा है। यहां कार्यरत कर्मचारियों और शिक्षकों को पिछले चार महीने से वेतन भी नहीं मिला है। इसको लेकर जब कार्यकारिणी पर दबाव बनाया गया तो उन्होंने वित्तीय व्यवस्था लड़खड़ाने की बात कही थी। यही कारण है कि भेल द्वारा शिक्षा निकेतन को चलाने के लिए टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। इसे लेकर बुधवार को कर्मचारी यूनियन के महामंत्री कृष्णा सिंह व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के नेतृत्व में कर्मचारियों ने भेल एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा।
भेल शिक्षा निकेतन में विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम हो रही है। इसका सीधा असर खर्च में कटौती और शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट के रूप में दिख रहा है। भेल प्रबंधन ने काफी सोच-समझकर प्रबंधन में बदलाव का फैसला किया है। पहले भी प्राइमरी विंग को निजी प्रबंधन को देने के बाद सकारात्मक परिणाम मिले हैं। बदलाव से किसी का अहित नहीं होगा। संरक्षण भेल का ही रहेगा। शिक्षकों का वेतन तीन-चार दिन में दे दिया जाएगा। – दिनेश परते, प्रवक्ता, संचार एवं जनसंपर्क विभाग भेल