झांसी। बड़ागांव के गढ़मऊ इलाके में आठ साल पहले मटर खाने से मना करने पर हुई हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने दोनों आरोपियों को गैर हत्या का दोषी मानते हुए दस-दस साल की सश्रम कारावास की सजा दी है। इसके अलावा दस हजार रुपया जुर्माना भी देना होगा।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) देवेंद्र पांचाल के मुताबिक गढ़मऊ निवासी श्याम लाल होली के दिन 6 मार्च 2015 को अपने खेत की रखवाली कर रहे थे। उसी दौरान बड़ागांव के बावल टाडा गांव निवासी कालिका अहिरवार एवं ढीमरपुरा निवासी सुरेश खेत में घुस गए और वहां लगी मटर खाने लगे। मटर खाने के साथ ही दोनों खेत को भी नुकसान पहुंचा रहे थे। यह देखकर श्याम लाल ने उन दोनों को टोका लेकिन, वह लोग विवाद करने लगे। दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ गया। इसी दौरान कालिका और सुरेश ने लाठी-डंडों से श्याम लाल की जमकर पिटाई कर डाली और लहूलुहान हाल में छोड़कर वहां से भाग गए। कुछ देर बाद श्याम लाल की मौत हो गई। मामले में श्याम लाल के पुत्र संतोष ने मुकदमा दर्ज कराया। घटना के 18 दिन बाद दो प्रत्यक्षदर्शी सामने आए। इन लोगों ने बताया कि उनके सामने ही दोनों आरोपियों ने इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस की ओर से आरोप पत्र दाखिल करने के बाद सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लेकर इसमें धारा 302 के तहत आरोप बदला। अभियोजन ने इस मामले में कई गवाह पेश किए। इनको विश्वसनीय मानते हुए कोर्ट ने आरोपियों को आईपीसी की धारा 304 भाग 2 के दोषी पाया। दोषसिद्ध होने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार वर्मा (प्रथम) कोर्ट ने उनको दस वर्ष के सश्रम कारावास समेत दस हजार रुपये के जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना की राशि न चुकाने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।



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