महिलाएं बोलीं-जनप्रतिनिधि और अधिकारी स्थानीय महंगाई कम कराने की पहल नहीं कर रहे, थोक रेट में सब्जी के स्टॉल ही लगवा दें

कहा-हफ्ते में चार दिन आलू-प्याज खाकर काम चला रहे

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। बाजार में टमाटर 120 रुपये किलो बिक रहा है। हरी मिर्ची 100 रुपये किलो है। लहसुन 200, अदरक 240 रुपये किलो है…और हरी सब्जियों के बढ़ते दाम तो लोगों का चेहरा पीला कर रहे हैं। अब तो महिलाएं भी बोलने लगीं हैं कि आम आदमी हाय महंगाई-हाय महंगाई चिल्ला रहा है, लेकिन जन प्रतिनिधियों और प्रशासन को तो महंगाई कहीं दिख ही नहीं रही है… दिखे भी कैसे, वह तो बड़े लोग हैं, उन्हें तो थोक के रेट में सब्जी मिल जा रही होगी। जनता को भी बड़ी राहत मिल जाती अगर जनप्रतिनिधि थोक सब्जी मंडी के व्यापारियों से तालमेल बैठाकर थोक रेट पर सब्जियों के स्टॉल लगवाने का काम करें। लेकिन, नेता जी हों या अधिकारी…ये कुछ सुन ही नहीं रहे।

अयोध्यापुरी में बृहस्पतिवार को सब्जी खरीद रहीं शोभना, पल्लवी, आरती और संतराम ने कहा कि विधायक हों या अधिकारी…किसी को जनता की चिंता नहीं है। उन्हें तो बस वोट चाहिए। लखनऊ से मुख्यमंत्री जी कितना भी निर्देश दें लेकिन कौन देख रहा कि यहां 500 रुपये में भी तीन दिन की सब्जी नहीं आ रही है। इन महिलाओं ने कहा कि सब्जी का बजट इतना बढ़ गया है कि हफ्ते में चार दिन आलू-प्याज खाकर काम चला रहे।

टमाटर और अदरक तो झांसी में पैदा हो रहा, फिर महंगा क्यों

बीकेडी के पास सब्जी ले रहे अशोक कुमार और मोहन गुप्ता ने कहा कि कोई माननीयों और जिला प्रशासन से पूछे कि जब झांसी और आसपास टमाटर और अदरक की अच्छी पैदावार होती है तो भला शहर में टमाटर और अदरक के दाम आसमान क्यों छू रहे हैं। होली-दीपावली में अधिकारी खोआ और मिठाई की दुकानों पर छापा मारने फट से पहुंच जाते हैं…आला अधिकारी अब सब्जियों के जमाखोरों को क्यों नहीं पकड़ रहे।

उधर अयोध्यापुरी, नरिया बाजार, सीपरी बाजार, बीकेडी, बड़ा बाजार, नंदनपुरा, आवास-विकास बाजार की सब्जी मंडी देखें तो गर्मी के सीजन में 15-20 रुपये किलो मिलने वाली तुरई, लौकी के भाव भी 60 रुपये प्रति किलो पर जा पहुंचे हैं। मिर्ची, लहसुन, अदरक व धनिया की कीमतों मेंं तो आग लगी हुई है। जमाखोरी पर अंकुश लगाना और खाद्य पदार्थ की कीमतों को नियंत्रित बनाए रखना सरकार और प्रशासन के नुमाइंदों की जिम्मेदारी होती है। इसके लिए कमेटी का गठन कर निगरानी की व्यवस्था की जाती है।

अगले साल लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव के दृष्टि से महंगाई एक बड़ा मुद्दा बनी हुई है। इसके बाद भी जनप्रतिनिधि बढ़ी हुई कीमतों की ओर से आंखें फेरे बैठे हुए हैं।

जीरा 200 से 550 पर पहुंचा, तेल 10 रुपये चढ़ा

झांसी। केवल सब्जी ही नहीं, अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी तेजी है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि खाने का जायका बढ़ाने वाला जीरा पिछले एक माह के दरम्यान 200 से 550 रुपये प्रतिकिलो पर पहुंच गया है। खाद्य तेल में 10 रुपये की तेजी आई है। जबकि, अरहर की दाल 140, मूंग 100 रुपये प्रति किलो बिक रही है।

सब्जी दाम (प्रति किलो)

टमाटर 120

भिंडी 50

मिर्ची 100

लहसुन 200

लौकी 50

तोरई 60

धनिया 200

बैगन 60

खीरा 80

कद्दू 30

अदरक 240

पालक 60

टिंडा 60

परवल 60

आलू 20

प्याज 25

(रेट-फुटकर बाजार के हैं)

वर्जन

सब्जियों के दामों में वृद्धि का मामला अभी संज्ञान में आया है। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए मंडी अधिकारियों से भी चर्चा की जाएगी। – रविंद्र कुमार, जिलाधिकारी

मंडी में सब्जियों की मांग के अनुसार पर्याप्त आवक हो रही है। कीमतों को नियंत्रित करने के जल्द उपाय किए जाएंगे। इसके लिए सब्जी कारोबारियों से बात की जाएगी।

– पंकज कुमार, मंडी सचिव



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