अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। मां की डांट 15 वर्षीय एक किशोरी को इस कदर नागवार गुजरी कि वह घर छोड़कर ट्रेन में सवार हो गई और पौने आठ सौ किमी का सफर तय कर झांसी पहुंच गई। यहां पहुंचने पर उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। बुधवार को किशोरी को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के माध्यम से उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
छत्तीसगढ़ के रायपुर के एक किसान परिवार की 15 साल की लड़की ने हाईस्कूल में फेल होने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके बाद से वह दिन भर आसपास के लोगों से बातचीत कर समय बिताती थी। इस पर तीन दिन पहले उसकी मां ने किशोरी की डांट लगाते हुए उसे घर का कामकाज करने के लिए कहा। इससे वह नाराज हो गई और स्टेशन पर पहुंचकर ट्रेन में सवार हो गई। उसे यह तक नहीं पता था कि ट्रेन कहां जा रही है। किशोरी को तो बस घर से दूर जाना था। लेकिन, ट्रेन के झांसी पहुंचने से पहले उसे परिजनों की याद आने लगी। किशोरी को रोता देख सह यात्रियों ने कारण जाना। सह यात्रियों की सूचना पर ट्रेन के झांसी पहुंचने पर चाइल्ड लाइन ने उसे यहां उतार लिया और सूचना किशोरी के परिजनों को दी। इसके बाद उसे सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया गया। यहां किशोरी के परिजन भी पहुंच गए। सीडब्लूसी अध्यक्ष राजीव शर्मा और सदस्य परवीन खान व दीप्ति सक्सेना ने किशोरी और उसके परिजनों की काउंसलिंग की। इसके बाद किशोरी को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।