अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। मां की मौत के बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली। इसके बाद पहली पत्नी से जन्मे दो बच्चों को बेसहारा छोड़ दिया। किसी तरह बच्चे बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के पास पहुंच गए। इसके बाद उन्हें उनके दादा के सुपुर्द कर दिया गया है। जबकि, पिता के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है।
झांसी के रहने वाले हरिश्चंद्र के बेटे प्रशांत की शादी तकरीबन 10 साल पहले उल्दन की रहने वाली एक युवती से हुई थी। इसके बाद वह अपने परिवार के साथ इंदौर में रहने लगा था। कुछ समय पहले प्रशांत की पत्नी की मृत्यु हो गई थी। वह अपने पीछे नौ साल के बेटे और तीन साल की बेटी को छोड़ गई थी। लेकिन, पत्नी के निधन के कुछ समय बाद प्रशांत ने दूसरी शादी कर ली । इसके बाद उसे पहली पत्नी से जन्मे दोनों बच्चे बोझ लगने लगे थे। वह बच्चों को धोखे में रखकर उन्हें राजस्थान के अलवर जिले में ले गया और वहां उन्हें बेसहारा छोड़कर भाग गया। स्थानीय लोगों ने दोनों भटकते बच्चों को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस उन्हें अलवर सीडब्ल्यूसी के पास ले आई। पूछताछ में बच्चों ने अपना निवास झांसी में होना बताया। इस पर अलवर सीडब्ल्यूसी ने बच्चों को झांसी सीडब्ल्यूसी के पास भेज दिया। यहां समिति की सदस्य परवीन खान और चाइल्ड लाइन कोऑर्डिनेटर बिलाल उल हक ने बच्चों के दादा को खोज निकाला। दोनों बच्चों को दादा के सुपुर्द कर दिया गया। समिति अध्यक्ष राजीव शर्मा ने बताया कि बच्चों के साथ क्रूरता करने पर पिता के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। सीडब्ल्यूसी की कार्रवाई के दौरान वन स्टॉप सेंटर प्रभारी प्रीति त्रिपाठी, उप निरीक्षक प्रियंका यादव व न्याय पीठ सदस्य कोमल सिंह मौजूद रहे।