अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम शक्तिपुत्र तोमर की अदालत ने अनुसूचित जाति के व्यक्ति के साथ मारपीट का आरोप सिद्ध होने पर पिता और दो पुत्रों को सात-सात साल के कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने 18 साल पुराने मुकदमे में फैैसला सुनाया।

विशेष लोक अभियोजक कपिल करौलिया और केश्वेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सीपरी बाजार मसीहागंज निवासी गोपाल दास ने सीपरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें बताया था कि 29 सितंबर 2005 की रात तकरीबन साढ़े नौ बजे अपने घर पर था। इसी दरम्यान क्षेत्र के ही रमेश जोशी अपने पुत्र बंटी और मुन्नी जोशी के साथ आए। तीनों ने गाली-गलौज करते हुए एक राय होकर तलवार व लाठी-डंडों से हमला कर दिया। बीच-बचाव करने आए बेटे विनोद को भी पीटा। इस दौरान जातिसूचक शब्दों से अपमानित भी किया गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद तीनों को सात-सात साल के कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया, जिसकी अदायगी न करने पर तीन-तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।



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