अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। आंखों के सामने मौत नजर आ रही थी। बचने का कोई उपाय सूझ नहीं रहा था। बाहर जाने वाले रास्ते पर आग की लपटें उठ रहीं थीं, जबकि अंदर काला धुआं लगातार बढ़ता जा रहा है। चार-पांच मिनट के भीतर ही दम घुटने का अहसास होने लगा था। धुएं से बचने के लिए हम सभी ने अपनी शर्ट उतारकर नाक पर बांध ली थी। लेकिन, कुछ ही देर बाद यह उपाय भी बेअसर साबित होने लगा था। तकरीबन 20 मिनट तक यही स्थिति बनी रही । गनीमत रही कि सांसें थमने से पहले दमकल दस्ता वहां पहुंच गया और मुश्किल से हम सभी को बाहर निकाल पाया। यह कहना था सीपरी बाजार में हुए अग्निकांड में गंभीर रूप से झुलसे शिवम का। घटना के बाद से शिवम का सीपरी बाजार के एक निजी अस्पताल में इलाज जारी है।
राजगढ़ निवासी शिवम (27) एक फाइनेंस कंपनी में काम करते हैं। मोबाइल व इलेक्ट्रानिक्स सामान को फाइनेंस करने के लिए वे रोजाना वीआर ट्रेडर्स पर जाते थे। उन्होंने बताया कि सोमवार को भी वह शोरूम पर फाॅर्म भर रहे थे। इसी बीच शोरूम के बाहर आग की लपटें उठती नजर आईं। इस पर वह बाहर की ओर भागे, लेकिन आग की लपटों के बीच से निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। चंद मिनटों में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और लपटों के साथ धुआं शोरूम के भीतर बढ़ने लगा। शुभम ने बताया कि अब वे और उनके साथ तीन-चार अन्य लोग बुरी तरह से फंस चुके थे। धुएं के अलावा कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। आंखों में जलन हो रही थी और दम भी घुटने लगा था। धुएं से बचने के लिए सभी ने अपनी शर्ट उतारकर नाक पर बांध ली थी। लेकिन, इससे सांसें और तेज गति से चलने लगीं थीं, जिससे धुआं और तेज गति से शरीर में प्रवेश कर रहा था। शोरूम का फर्श और वहां रखीं सभी चीजें गर्म हो चलीं थीं। आग लगातार अपना फैलाव बढ़ाती जा रही थी। इसी बीच फायर ब्रिगेड की पानी की धार से शोरूम का कांच टूट गया और पानी की बौछारों के बीच से होते हुए उन्हें बाहर निकलने का रास्ता मिल गया। बाहर हो रही हलचल की वजह से हिम्मत जुटाई और दमकल कर्मियों की मदद से बाहर निकल आए। शिवम ने बताया कि बचाव कार्य में थोड़ी भी देर होने पर उनमें से कोई भी शायद ही बच पाता।
बता दें कि घटना में शुभम का चेहरा और शरीर का एक ओर का हिस्सा बुरी तरह से झुलस गया है। उनका इलाज जारी है। बीच-बीच में अग्निकांड का खौफनाक मंजर उनकी आंखों के सामने तैर जाता है, जिससे वे सिहर जाते हैं।