अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। आंतिया ताल के पीछे करीब बारह साल पहले एक युवक की हत्या के मामले मेंं अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार तृतीय की अदालत ने सतीश एवं हरवंश वाल्मीकि को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास समेत पचास हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड न चुकाने पर इनको एक साल की अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी।

सहायक शासकीय अधिवक्ता राहुल शर्मा के मुताबिक थाना नवाबाद के आंतिया ताल निवासी प्रदीप कुमार वाल्मीकि के पुत्र नीलू को 7 जून 2011 को मोहल्ले के केशव उर्फ संजीव, सतीश, उमाशंकर उर्फ बाबू एवं हरवंश पुत्र कंडौली ने अगवा कर लिया। उसे बुरी तरह से मारा-पीटा। इस वजह से नीलू की मौत हो गई। नीलू की मौत के बाद आरोपी उसका शव दूसरे स्थान पर फेंककर भाग गए। कुछ समय बाद पुलिस उसका शव बरामद कर सकी। मारने की वजह से नीलू का सिर खून से सना था। हड्डी टूटी हुई थी। पुलिस ने पिता प्रदीप की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करके चार्जशीट कोर्ट में पेश की। गवाह एवं सबूतों की पड़ताल के बाद कोर्ट ने मंगलवार को सतीश एवं हरवंश को दोषी करार दिया। कोर्ट ने दोनों को ही आजीवन कारावास समेत जुर्माने की सजा सुनाई है।



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