गुरसराय की ग्राम पंचायत में हुई जांच में ग्राम पंचायत अधिकारी पर लगे आरोप मिले सही, नोटिस जारी
– मऊरानीपुर की ग्राम पंचायत मदरवास में भी गड़बड़ी की शिकायत पर सीडीओ ने बैठाई जांच
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ किस तरह अपात्रों को दिया गया, इसका उदाहरण गुरसराय की ग्राम पंचायत बगरौनी में देखने को मिला है। यहां ग्राम पंचायत अधिकारी ने ऐसे लोगोंं को आवास दे दिए जिनके पास या तो पक्के मकान थे या फिर वह अन्य मानकों को पूरा नहीं करते थे। ग्राम पंचायत अधिकारी को नोटिस देकर जवाब तलब किया गया है। इसी तरह, मऊरानीपुर की ग्राम पंचायत मदरवास में भी प्रधानमंत्री आवास देने में गड़बड़ी की शिकायत हुई है। मुख्य विकास अधिकारी ने डीआरडीए के परियोजना निदेशक को जांच सौंपी है।
गुरसराय की ग्राम पंचायत बगरौनी में रहने वाले चिंतामन और अन्य ग्रामीणों ने खंड विकास अधिकारी से शिकायत की थी कि ग्राम पंचायत अधिकारी ने नियमों की अनदेखी करके अपात्र लोगों को आवास दे दिए। इस पर खंड विकास अधिकारी ने लघु सिंचाई विभाग के अवर अभियंता को जांच सौंपी। जांच में अवर अभियंता को शिकायत सही मिली। पाया गया कि ग्राम पंचायत में तारा देवी पत्नी लखचंद्र, ज्ञानवती पत्नी भगवत, सुमन देवी पत्नी दृगपाल, क्रांति देवी पत्नी हरिप्रकाश और शशि पत्नी जगदीश को अपात्र होने के बाद भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया। इन लोगों के पास या तो पक्के मकान हैं या फिर यह योजना के लिए तय अन्य मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं। ग्राम पंचायत अधिकारी की ओर से आवास देने में घोर लापरवाही बरती गई। अवर अभियंता की रिपोर्ट के आधार पर खंड विकास अधिकारी की ओर से ग्राम पंचायत अधिकारी श्रद्धा खरे को 13 जून 2023 को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया गया। ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की तैयारी है।
इसी तरह, मऊरानीपुुर की ग्राम पंचायत मदरवास में भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ अपात्रों को देने का आरोप लगा है। यहां के ग्रामीण रामकुमार, राजीव, हरचरन, मुन्नालाल ने मुख्य विकास अधिकारी को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है कि यहां के ग्राम पंचायत अधिकारी ने योजना का लाभ ऐसे लोगों को दिया जिनका नाम तक सूची में नहीं था। कुछ तो अपात्र होने के बाद भी आवास पा गए। ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता सूची में मानकुंवर पत्नी घनश्याम का नाम है। जबकि इस नाम की महिला ग्राम पंचायत में रहती ही नहीं है। जिम्मेदार लोगों ने एक अन्य व्यक्ति के आधार कार्ड में नाम परिवर्तित करते हुए आवास का लाभ दे दिया। इसी तरह कुछ और भी हैं जो पात्र न होते हुए भी योजना का लाभ पा गए। ग्रामीणों की शिकायत पर मुख्य विकास अधिकारी ने डीआरडीए के परियोजना निदेशक को जांच सौंपी है।
बगरौनी ग्राम पंचायत की ग्राम पंचायत अधिकारी पर लगे आरोपों की जांच हुई है। लघु सिंचाई विभाग के अवर अभियंता ने जो रिपोर्ट दी है उसमें उन पर अपात्र लोगों को आवास देने के आरोप सही पाए गए हैं। आगे की कार्रवाई जल्द अमल में लाई जाएगी। इसी तरह, मदरवास ग्राम पंचायत के ग्रामीणों की शिकायत पर जांच शुरू कर दी गई है। आरोप अगर सही मिले तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
– सुनील कुमार, जिला विकास अधिकारी/प्रभारी पीडी डीआरडीए।