अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। बहुचर्चित हाउस टैक्स हॉफ करने का वायदा महापौर बिहारीलाल आर्य के गले की हड्डी बन गया है। इस मुद्दे को लेकर महापौर ने कुछ दिनों पहले निगम अफसरों से परामर्श किया लेकिन, अफसर नियमों को हवाला देकर पीछे हट गए। उन्होंने हाउसटैक्स को राजस्व से जुड़ा बताकर इसे सदन के अधिकार क्षेत्र से भी बाहर बता दिया। शुक्रवार को नगर निगम सदन की पहली बैठक होनी है लेकिन, इसमें भी हाउसटैक्स हाॅफ करने के प्रस्ताव के पेश करने को लेकर ऊहापोह फंसा हुआ है।
महापौर पद का चुनाव जीतने की खातिर बिहारी लाल आर्य महानगरवासियों से हाउसटैक्स हॉफ कर देने का वायदा कर बैठे थे। अब उनको वोट देने वाले बिहारी लाल को उनका यह वादा याद दिला रहे हैं। चुनाव जीतने के बाद स्वागत समारोहों के दौरान भी बिहारी लाल से मतदाताओं ने सबसे पहले इसी वादे को पूरा करने की मांग की। बिहारी ने भी अपना यह वादा पूरा करने का भरोसा दिलाया लेकिन, नगर निगम की बागडोर संभालने के बाद बिहारी को इस वादे को पूरा करने के रास्ते में आने वाली तकनीकी समस्याओं के बारे में पता चला। निगम सूत्रों की मानें तब कार्यकारिणी बैठक से कुछ दिन पहले महापौर ने नगर निगम अफसरों से अपने इस वादे को पूरा करने को लेकर विचार-विमर्श किया था। इसमें निगम अफसरों ने ऐसा कर पाने से साफ हाथ खड़े कर दिए। निगम अफसरों ने महापौर को बता दिया कि राजस्व से जुड़ा मामला होने की वजह से निगम सदन के लिए भी यह करना आसान नहीं होगा। सदन हाउसटैक्स हॉफ करने का अधिकार नहीं रखता। इसकी इजाजत सरकार से ही लेनी होगी। सूत्रों का कहना है कि इसी वजह से कार्यकारिणी बैठक में हाउसटैक्स हॉफ संबंधी प्रस्ताव पेश नहीं किया गया। वहीं, महापौर इस वादे से बाहर निकलने की राह तलाशने में जुटे हैं। उन्होंने कई दफे परामर्श भी किया है।
आंकड़ोें में हाउसटैक्स
कुल मौजूदा भवन स्वामी- 1.80 लाख
हाउसटैक्स की मांग- 24 करोड़
हाउसटैक्स हॉफ होने पर- 12 करोड़