सौ दिन का लोगो और फोटो
– सरकार बदलती रहीं मगर 18 साल पहले नगर निगम में शामिल कई क्षेत्रों के नहीं बदले हालात
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। सरकारें बदलती रहीं, स्मार्ट सिटी के नाम पर महानगर में करीब नौ सौ करोड़ खर्च भी हो गए। मगर 18 साल पहले नगर निगम में शामिल हुए कई क्षेत्रों के हालात बदतर हैं। स्मार्ट सिटी बन रही झांसी के बिजौली, हंसारी क्षेत्रों को देखकर कोई नहीं कहेगा कि ये शहर में शामिल हैं। यहां सड़कें कच्ची हैं। बल्लियां और घरों की छतों के सहारे बिजली के तार लटक रहे हैं। नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं।
झांसी में 2004 में नगर निगम बना था। तब नगर पालिका से सटे 15 गांवों को नगर निगम में शामिल कर लिया गया था। इसके बाद बीएसपी, सपा और भाजपा तीनों पार्टियां सत्ता में आईं। भाजपा सरकार तो पिछले छह सालों से सत्ता में है। मगर ये क्षेत्र विकास से अभी भी कोसों दूर हैं। बिजौली और हंसारी के कई वार्डों के निवासी तो मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। दूरदराज होने के चलते अफसर भी कभी इन इलाकों में झांकने तक नहीं जाते हैं। बिजौली के बंटी वर्मा ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में शामिल होने के बावजूद पिछले 20 सालों से सड़क कच्ची है। कई जगहों पर बल्लियों के सहारे तार लटक रहे हैं। मैरी के बृजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि देव महाराज के मंदिर वाले मोहल्ले में न तो कभी नालियां साफ होती हैं। न ही यहां कोई सफाई कर्मचारी झाड़ू लगाने के लिए आता है। इससे क्षेत्र में बीमारियां फैल रही हैं।
दो वार्डों के बीच में झूल रहा है क्षेत्र
न्यू गोविंद नगर का कुछ इलाका दो वार्डों के बीच में झूल रहा है। क्षेत्रवासी भीम यादव ने बताया कि जब हम लोग वार्ड एक के पार्षद के पास क्षेत्र की समस्या लेकर जाते हैं तो वो वार्ड नौ के पार्षद के पास भेज देते हैं। जब वार्ड नौ के पार्षद के पास जाते हैं तो वो वार्ड एक के पार्षद के पास जाने को बोल देते हैं। समझ नहीं आता कि आखिर हमारा क्षेत्र किस वार्ड में आता है। कच्ची सड़क के गड्ढे दूर करने के लिए खुद पैसे खर्च करके चार ट्रैक्टर मिट्टी डलवाई है।
साल भर से टूटी पुलिया, ठीक की रिपोर्ट लगा दी
वार्ड एक में साल भर से नाले की पुलिया टूटी पड़ी है। क्षेत्र के नरेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने कई बार नगर निगम प्रशासन से पुलिया ठीक कराने के लिए पत्र लिखा। मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी इसकी शिकायत की। मगर निगम के अधिकारियों ने लिख दिया कि समस्या हल की जा चुकी है। मगर यहां कोई झांकने तक नहीं आया।
लोगों ने बयां किया दर्द
………………………..
न्यू गोविंद नगर क्षेत्र में नालियों में ड्रेन कवर नहीं हैं। बल्लियों पर तार झूल रहे हैं। सड़कें टूटी पड़ी हैं। वार्ड का हाल बदतर है। – श्याम लाल।
दो साल से हंसारी में रह रहा हूं। वार्ड नंबर एक की सड़क कच्ची है। बारिश में पानी भर जाता है। वाहन भी फिसलने लगते हैं। – मानबाबू ओझा।
15 साल पहले न्यू गोविंद नगर क्षेत्र नगर निगम में शामिल नहीं हुआ। मगर आज तक इसका कोई फायदा क्षेत्र को नहीं मिल पाया है। – रमेश यादव।
नई बिजौली में एक साल पहले सड़क बनी। मगर नाली नहीं। बारिश में पानी घर में आ जाता है। वार्ड में दो-तीन महीने में सफाई होती है। – रविंद्र राजपूत।
वर्जन..
महानगर की आबादी के हिसाब से 400 सफाई कर्मचारी कम हैं। ऐसे में कुछ जगहों पर ग्रुप में सफाई कर्मी भेजकर हफ्ते या दस दिन में सफाई करवाई जाती है। जहां पर सड़कें कच्ची हैं, वहां पक्की बनवाई जाएंगी। – मो. कमर, अपर नगर आयुक्त।