झांसी। चालीस साल पहले एक ठेकेदार को छह लाख रुपये न चुकाना सिंचाई विभाग के सपरार प्रखंड के गले की फांस बन गया। पैसा चुकाने में आनाकानी करने पर अब विभाग के दफ्तर को ही कुर्क कर देने का आदेश जारी हो गया। ठेकेदार का बकाया पैसा न मिलने पर इस कार्यालय को नीलाम करके बकाया चुकाया जाएगा।
वर्ष 1983 में सिंचाई विभाग ने पहाड़ी डैम में राठ निवासी ठेकेदार राम स्नेही राजपूत से मिट्टी भरवाने का काम कराया था। विभाग ने ठेकेदार को कुछ रकम का भुगतान कर दिया लेकिन, छह लाख रुपया नहीं दिया। ठेकेदार ने मध्यस्थता न्यायालय में गुहार लगाई। कोर्ट ने 03 जनवरी 2023 को अपना फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने राम स्नेही के पक्ष को सही माना। सिंचाई विभाग को ब्याज समेत 48 लाख रुपये देने को कहा लेकिन सिंचाई अभियंताओं ने विभाग के पास बजट न होने की बात कहते हुए भुगतान करने से हाथ खड़े कर दिए। कोर्ट ने विभाग का खाता भी सीज कर दिया। उसके बाद से मामला कोर्ट और सिंचाई विभाग के बीच झूल रहा है। कुछ दिनों पहले वाणिज्यिक न्यायालय ने कार्यालय को कुर्क कर देने का आदेश जारी कर दिया। इस आदेश के बाद से सिंचाई अफसरों में अफरातफरी है। वहीं, सपरार प्रखंड के एक्सईएन अजय कुमार भारती का कहना है भुगतान के लिए शासन को अवगत कराया गया है। फिलहाल इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई है।