संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। जल्द ही देशभर के विवि में संचालित स्नातक और परास्नातक कक्षाओं में वैदिक गणित पढ़ाया जाएगा। इसके जरिए विद्यार्थी गणित की मूल धारणा को आसानी से समझ पाएंगे। साथ ही वैदिक गणित के सरल सूत्र और आसान विधियों को जानकर विद्यार्थी कम समय में सवालों को हल कर पाएंगे।
नई शिक्षा नीति के तहत वैदिक गणित का पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। बुंदेलखंड विवि में चल रही वैदिक गणित कार्यशाला में आए शिक्षकों को पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी दी गई। इसके साथ ही शिक्षाविदों का सम्मान कर कार्यशाला का समापन किया गया।
इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह प्रचारक रमेश ने कहा कि जब शिक्षाविद कहते हैं कि भारत पूर्व में शिक्षा और विज्ञान दोनों में विश्व गुरु रहा है तो कुछ लोग इस पर संशय जताते हैं। लेकिन कार्यशाला ने संशय दूर किए हैं। अब भारत पुनः विश्वगुरु बनकर विश्व का मार्गदर्शन करेगा।
वैदिक गणित के राष्ट्रीय संयोजक श्रीराम चौथाईवाले ने वैदिक गणित पर शोध एवं पुस्तक लिखने के लिए शिक्षाविदों को प्रेरित किया। राष्ट्रीय सह संयोजक राकेश भाटिया ने तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
कार्यशाला प्रभारी प्रो. अवनीश कुमार ने विवि प्रशासन का धन्यवाद जताया। इस अवसर पर डॉ. सुशील कुमार, डॉ. नीलेश पांडे, वीके गुप्ता, आरके गुप्ता, शैफाली राजेश जोशी, गजेंद्र प्रताप सिंह, कृष्ण मुरारी, डॉ. संतोष वर्मा ने कार्यशाला के अनुभवों को साझा किया।
स्वागत भाषण सचिव डॉ. कौशल त्रिपाठी एवं आभार डॉ. धर्मेंद्र बादल ने दिया। संचालन डॉ. ममता सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ. बीएस भदौरिया, डॉ. इरा तिवारी, डॉ. राहुल शुक्ला, डॉ. संजीव श्रीवास्तव, अतीत विजय, रितिक पटेल, सुधीर, हिमांशु, शाश्वत तिवारी, देवेश मिश्रा, शिवम राजपूत, रिया गुप्ता, अंशिका यादव, दीपिका, ज्योति उपस्थित रहे।