फोटो अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। झांसी को स्मार्ट सिटी मिशन में चुने हुए छह साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी तक 300 करोड़ रुपये के काम अधूरे पड़े हैं। अभी नौ बड़े प्रोजेक्ट का काम पूरा नहीं हो सका है। इनमें से तीन प्रोजेक्ट की समय सीमा भी खत्म हो चुकी है। जबकि स्मार्ट पैथोलॉजी का काम अभी अपने शुरुआती दौर में ही है।
स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत झांसी को जून 2017 को तीसरे राउंड में चयनित किया गया था। मिशन के जरिए 927.73 करोड़ रुपये से 63 प्रोजेक्ट पर काम शुरू कराए गए। इनमें से अभी तक इंटीग्रेडेट कमांड एवं कंट्रोल सेंटर, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, ओपन जिम, प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में बैडमिंटन कोर्ट एवं फ्लड लाइट, इलेक्ट्रिक बस संचालन, किले का सौंदर्यीकरण, पानी वाली धर्मशाला के सौंदर्यीकरण का काम हो चुका है।
लेकिन, करीब तीन सौ करोड़ रुपये के काम अभी तक पूरे नहीं हो सके। आतियां ताल एवं लक्ष्मीताल का सौंदर्यीकरण, मिनी स्टेडियम, तारामंडल, एबीडी इलाके में नालों की मरम्मत, स्मार्ट वेंडिंग जोन, इंक्यूबेशन सेंटर समेत बहुमंजिला पार्किंग के निर्माण का काम अधूरा पड़ा है। इनमें आतियां ताल, लक्ष्मीताल, स्मार्ट वेंडिंग जोन, नालों की मरम्मत समेत अन्य की कई दफा समय सीमा बढ़ाई गई लेकिन, अभी तक यह काम पूरा नहीं हो सका। वहीं, स्मार्ट सिटी मिशन के डिप्टी सीईओ मो.कमर का कहना है कि इनकी डेडलाइन बढ़ाई गई है। अब यह काम निश्चित डेडलाइन के भीतर पूरा कराया जाएगा।
इनसेट
अभी तक अधूरे पड़े कार्य की स्थिति
आंतिया ताल का सौंदर्यीकरण – 70 फीसदी
लक्ष्मीताल का सौंदर्यीकरण- 75 फीसदी
जीआईसी में मिनी स्टेडियम का निर्माण- 60 फीसदी
रानी लक्ष्मीबाई पार्क मेंं तारामंडल- 70 फीसदी
एबीडी इलाके में नालों की मरम्मत-75 फीसदी
स्मार्ट वेंडिंग जोन- 80 फीसदी
नगर निगम में इंक्यूबेशन सेंटर-50 फीसदी
जीवन शाह तिराहा स्थित बहुमंजिली पार्किंग- 50 फीसदी
पैथालॉजी केंद्र का निर्माण- 30 फीसदी
कमांड सेंटर से लूट के 89 मामलों का खुलासा
नगर निगम में स्थित आईट्रिपल सी की मदद से पुलिस को 89 मामलों का खुलासा करने में मदद मिली है। नगर निगम की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक महानगर के 26 स्थानों पर 100 कैमरों से निगरानी कराई जा रही है। इसके जरिए दुर्घटना के 246, बाइक चोरी के 26, लापता व्यक्ति के 5 एवं मारपीट करने वाले 6 आरोपियों को पकड़ा गया। इन कैमरों एवं जीपीएस की मदद से कचरा गाड़ियों की भी निगरानी की जा रही है। इसी तरह 13 स्थानों पर आपातकालीन कॉल बाक्स लगाए गए। इससे 163 लोगों ने मदद हासिल की। वाईफाई का भी लोगों ने जमकर इस्तेमाल किया। 15 स्थानों पर लगे वाईफाई के जरिए 64262 लोग फायदा उठा चुके हैं।