अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। अधिवक्ताओं की हड़ताल की वजह से वादकारियों को तारीख पर तारीख मिल रही है। पिछले तीन दिन में झांसी जिला न्यायालय में कुल करीब 2942 मामलों में आगे की तारीख देनी पड़ी। इसमें कई मामलों में कोर्ट को जमानत अर्जी एवं सजा जैसे मामलों की सुनवाई करनी थी लेकिन, अधिवक्ताओं के पेश न होने से बेंच को अगली तारीख देनी पड़ गई।

झांसी कोर्ट के अंतर्गत जनपद न्यायाधीश समेत सेशन कोर्ट, स्पेशल जज अनुसूचित जाति-जनजाति, पॉक्सो, सीजेएम, एसीजेएम कोर्ट, सिविल जज सीनियर डिवीजन, स्माल केस कोर्ट, सिविल जज जूनियर डिवीजन, पारिवारिक न्यायालय समेत कुल 53 विभिन्न कोर्ट हैं। औसतन इन सभी कोर्ट में रोजाना कुल 800-900 मामले पेश होते हैं, लेकिन दो सितंबर से हड़ताल के चलते कोर्ट में अधिवक्ता पेश नहीं हो रहे हैं। इसके चलते कोर्ट को सभी मामलों में अगली तारीख देनी पड़ रही है। इससे वादकारी सबसे अधिक परेशान हैं। पिछले तीन कामकाजी दिनों में किसी मामले की सुनवाई न होने से कुल 2942 मामलों में अगली तारीख दी गई। फौजदारी, सीजेएम कोर्ट, डीजे कोर्ट समेत अन्य सभी कोर्ट से वादकारियों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।

दो माह आगे की मिल गई तारीख

मंगलवार को जिन मामलों की सुनवाई थी अधिवक्ताओं के हाजिर न होने से उन सभी को अगली तारीख दे दी गई। सीजेएम कोर्ट में पांच सितंबर को 373 मामले पेश हुए। कई मुकदमों की तारीख अब 10 नवंबर से 22 नवंबर के बीच दी गई। अब इन वादकारियों को अपने मामलों की सुनवाई के लिए अगले दो माह का इंतजार करना पड़ेगा।

कुछ महत्वपूर्ण कोर्ट के आंकड़े

कोर्ट का नाम सिविल क्रिमिनल कुल

जनपद एवं सेशन जज 57 90 147

सेशन जज (कोर्ट नंबर एक) 45 120 165

स्पेशल जज (एससी एसटी) 2 192 194

स्पेशल जज (कोर्ट नंबर 5) 11 157 168

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट – 1308 1308

सिविल जज (जूनियर डिवीजन) – 93 93

एडीशिनल सिविल (जज जूनियर डिवीजन) 258

सिविल जज (महिला अपराध) – 322



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