गांव के याकूब अली ने गुरसराय थाने में प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें बताया कि उनकी तीन बीघा में गेहूं की पकी फसल खड़ी थी। पास में पराली का खेत था, गुरसराय के एक व्यक्ति ने खेत पर पूजा की। अगरबत्ती व माचिस के प्रयोग से पराली में आग लग गई।
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