कोछाभांवर। बुधवार को गुरु (बृहस्पति) तारा अस्त होने के साथ ही विवाह की शहनाइयों की गूंज भी थम जाएगी। करीब पांच माह के इंतजार के पश्चात देवउठनी एकादशी से विवाह कार्य फिर से प्रारंभ होंगे।
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कोछाभांवर। बुधवार को गुरु (बृहस्पति) तारा अस्त होने के साथ ही विवाह की शहनाइयों की गूंज भी थम जाएगी। करीब पांच माह के इंतजार के पश्चात देवउठनी एकादशी से विवाह कार्य फिर से प्रारंभ होंगे।
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