स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस की पात्रता का निर्धारण अब क्षेत्रीय निरीक्षक (टेस्टिंग) के हाथ में नहीं रहेगा। नई व्यवस्था के तहत अब सेंसर और कैमरे की निगरानी में परीक्षण होगा। इससे न सिर्फ परिणाम में सटीकता बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ेगी।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *