झांसी। तन पर न तो लिबास बचा था और न ही मांस। आग ने अरमानों और खुशियों को तो राख किया ही साथ ही चारों शवों की पहचान तक छीन ली।
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झांसी। तन पर न तो लिबास बचा था और न ही मांस। आग ने अरमानों और खुशियों को तो राख किया ही साथ ही चारों शवों की पहचान तक छीन ली।
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