– 40 से अधिक मामलों के खुलासे में निभाई थी अहम भूमिका

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। पिछले 11 साल से झांसी पुलिस का साथ निभा रही रानी उर्फ यूली की बुधवार को मौत हो गई। एक दशक से अधिक समय से झांसी पुलिस के साथ जुड़ी रहने वाली यूली ने पुलिस की 40 से अधिक मामलों में खुलासे में अहम भूमिका निभाई। पिछले साल ही उसके साथी लूसी ने दम तोड़ दिया था। इसके बाद से वह बीमार रहने लगी। कुछ दिनों पहले उसे इलाज के लिए मथुरा स्थित वैटनरी कॉलेज भेजा गया था। वहां उसकी मौत हो गई।

यूली झांसी पुलिस के पास आखिरी प्रशिक्षित श्वान था। दरअसल, रानी झांसी पुलिस के डॉग स्क्वायड की सबसे पुरानी सदस्य थी। पुलिस महकमे के दस्तावेजों में वह यूली नाम से पंजीकृत थी। जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्ते को पुलिस महकमे के लोग प्यार से रानी बुलाते थे। यूली उच्च प्रशिक्षण प्राप्त़ थी। पुलिस अफसरों के मुताबिक वर्ष 2009 में पैदाइश के बाद उसे ग्वालियर स्थित राष्ट्रीय श्वान प्रशिक्षण केंद्र भेज दिया गया। उसने नौ माह तक मानव गंध पहचानने की सबसे कठिन ट्रेनिंग हासिल की। इसके बाद वर्ष 2012 को यूली ने झांसी पुलिस को ज्वाइन किया। अपनी तैनाती के बाद से यूली ने कई अहम सुराग खोजने में पुलिस की मदद की। इसी दौरान उसे अपने दोस्त लूसी की भी खूब मदद मिली। करीब आठ साल दोनों साथ रहे। पिछले साल जून माह में लूसी की बीमारी के बाद मौत हो गई। उसकी मौत के बाद से यूली अकेलेपन का शिकार हो गई। उसने खाना-पीना भी छोड़ दिया था।

डॉग हैंडलर ने यूली को सामान्य करने की तमाम कोशिश की लेकिन यूली सामान्य नहीं हुई। वह काफी कमजोर हो गई थी। कुछ दिनों पहले तबीयत खराब होने पर उसे मथुरा ले जाया गया। वहां उसकी मौत हो गई। एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह के मुताबिक उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।



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