– मेडिकल कॉलेज में मशीनें ठीक न होने से मरीजों को करना पड़ रहा दिक्कत का सामना

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने एमआरआई और सीटी स्कैन मशीन को ठीक कराने पर 40 लाख रुपये खर्च कर दिए, लेकिन मशीनें आज भी खराब हैं। इसके चलते मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन मरीज मशीन ठीक कराने की मांग को लेकर हंगामा करते हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। मजबूरन मरीजों को जांच कराने के लिए निजी सेंटर जाना पड़ रहा है। वहीं मशीन को ठीक कराने के नाम पर खर्च किए गए 40 लाख रुपये का क्या हुआ, यह भी कोई पूछने-बताने वाला नहीं है।

मेडिकल कॉलेज में पिछले पांच महीने से एमआरआई और सीटी स्कैन मशीन खराब पड़ी हुई है। पहले बजट के अभाव मेडिकल कॉलेज प्रशासन मशीन ठीक नहीं करा पा रहा था। मगर शासन ने मशीन ठीक कराने के लिए दो महीने पहले कॉलेज प्रशासन को बजट भी उपलब्ध करा दिया। कॉलेज ने एमआरआई मशीन की सीएमसी के लिए कंपनी को 16 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। वहीं, सीटी स्कैन मशीन के 13 लाख और 11 लाख रुपये के पार्ट्स मंगवाए। ऐसे में 40 लाख रुपये खर्च किए जाने के बावजूद ये दोनों मशीनें अब तक ठीक नहीं हो पाई हैं। जांच कराने के लिए मरीजों को प्राइवेट सेंटर जाना पड़ रहा है। जांच में रोगियों के हजारों रुपये खर्च हो रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एनएस सेंगर का कहना है कि मशीन सुधारने के लिए इंजीनियर आ रहे हैं। इस सप्ताह में दोनों मशीनों के ठीक होने की संभावना है। सीटी स्कैन जांच के लिए जिला अस्पताल के सीएमएस से बात हो गई है। काॅलेज आने वाले मरीजों की वहां जांच कराई जा रही है।



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