– रेल प्रशासन में मचा हड़कंप, आनन-फानन दूसरी ट्रेन से भेजा गया गार्ड
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। ग्वालियर-झांसी रेलखंड पर बुधवार सुबह गंगानगर नांदेड़ एक्सप्रेस 42 किमी तक बिना गार्ड के दौड़ती रही। ट्रेन मैनेजर के ऑलराइट बोले बिना ही लोको पायलट ने ट्रेन को ग्वालियर स्टेशन से रवाना कर दिया। रास्ते में पड़ी क्रॉसिंग पर जब केबिन मैन को गार्ड की हरी झंडी नहीं दिखी तो कंट्रोल रूम को सूचना दी गई। मामले की जानकारी मिलते ही रेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन ट्रेन को डबरा में रोक लिया गया और दूसरी ट्रेन से गार्ड को भेजा गया। करीब 48 मिनट बाद नांदेड़ एक्सप्रेस को डबरा से झांसी की ओर रवाना किया गया। रेल प्रशासन मामले की जांच में जुटा है।
पंजाब के गंगानगर से चलकर नांदेड़ जाने वाली गाड़ी संख्या 12486 हुजूर साहेब नांदेड़ सुपरफास्ट एक्सप्रेस बुधवार सुबह 42 मिनट की देरी के साथ 3:44 बजे ग्वालियर स्टेशन पर पहुंची। पांच मिनट के ठहराव के बाद ट्रेन यहां से 3:49 बजे झांसी के लिए रवाना हुई। ट्रेन सिथौली, संदलपुर, आंतरी, अनन्त पेठ से गुजरी तो यहां पड़ी रेलवे क्रॉसिंग पर केबिन मैन को गार्ड की हरी झंडी नहीं नजर आई। इस पर केबिन मैन ने कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद लोको पायलट को पता चला कि गार्ड ग्वालियर में ही छूट गया है। इससे रेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन फानन ट्रेन को ग्वालियर से 42 किमी दूर डबरा स्टेशन पर रोका गया। वहीं पीछे आ रही दूसरी ट्रेन से गार्ड को ग्वालियर से डबरा के लिए रवाना किया गया। डबरा में गार्ड के पहुंचने पर उसे ट्रेन में सवार किया गया। इस दौरान 48 मिनट तक ट्रेन डबरा में खड़ी रही। वहीं झांसी ट्रेन दो घंटे की देरी के साथ सुबह 6:30 बजे झांसी पहुंची।
मंडलीय जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि ग्वालियर स्टेशन पर ट्रेन में माल की लोडिंग-अनलोडिंग की जा रही थी। इसी बीच ट्रेन आगे बढ़ गई और गार्ड ग्वालियर में ही छूट गया। हालांकि, इसकी जानकारी लगते ही डबरा स्टेशन पर गाड़ी को रोक लिया गया और दूसरी गाड़ी से गार्ड भेजा गया। उन्होंने बताया कि रेल प्रशासन द्वारा इसकी जांच कराकर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
खुले हुए थे पार्सल गेट
डबरा स्टेशन पहुंचने पर जब ट्रेन की जांच की गई तो पता चला कि ग्वालियर में माल लोडिंग और अनलोडिंग के दौरान पार्सल कोच के गेट बंद ही नहीं किए गए थे। मामले में रेलवे ने जांच के आदेश दिए हैं।