अपने दोस्त से छह महीने के लिए एक युवक ने 2.10 लाख रुपये उधार लिए थे। बदले में गारंटी के तौर पर दिए गए चेक को बैंक में लगाने पर चेक बाउंस हो गया। इस मामले में दायर वाद पर न्यायिक मजिस्ट्रेट खुशबू धनकड़ ने सुनवाई की। इसके बदले दोषी को तीन लाख रुपये अदा करने के साथ 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।

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सीपरी बाजार के न्यू प्रेमगंज निवासी रवींद्र सिंह यादव ने बताया कि पेशे से अध्यापक सदर बाजार के कैंट स्थित बंगला नंबर 52 के रहने वाले आशीष पैट्रिक के साथ घरेलू संबंध थे। मई 2017 में आशीष ने पारिवारिक समस्या बताकर उससे छह माह में रुपये लौटाने का वादा कर 2.10 लाख रुपये उधार लिए थे। उसने गारंटी के तौर पर चेक भी दिया था। छह माह में रुपये न मिलने पर रवींद्र ने बैंक में चेक लगाया। खाते में रुपये न होने पर चेक बाउंस हो गया। उसने न्यायालय में वाद दायर किया। मामले की सुनवाई कर रहीं न्यायिक मजिस्ट्रेट खुशबू धनकड़ ने वादी के पक्ष में फैसला सुनाया। उन्होंने अध्यापक को उधार लिए गए रुपये के एवज में प्रतिवादी को तीन लाख रुपये देने का आदेश दिया। साथ ही 10 हजार रुपये अर्थदंड के रूप में राजकोष में जमा कराने का आदेश दिया। अर्थदंड की राशि न देने पर एक माह का साधारण कारावास की सजा सुनाई।



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