मानिक चौक स्थित जयश्री ज्वेलर्स शोरूम में करीब 14 घंटे तक जांच-पड़ताल कर जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) टीम वापस लौट गई। टीम अपने साथ लेखा-बही रजिस्टर समेत कई जरूरी दस्तावेज भी लेकर गई। प्रतिष्ठान में स्वर्ण आभूषण ब्रांड के भी विवरण दर्ज किए गए। इस ब्रांड के भी ब्यौरे खंगाले जा रहे हैं। टीम के जाने के बाद भी सराफा कारोबारी कुछ भी बोलने को राजी नहीं हुए।

गोपनीय रूप से पहुंची थी टीम

शुक्रवार को मानिक चौक निवासी लखन अग्रवाल के जयश्री ज्वेलर्स नामक प्रतिष्ठान में सोने की तस्करी के संदेह में इंटेलिजेंस टीम ने सुबह छापा मारा था। जीएसटी अफसरों के मुताबिक, डीजीजीआई टीम ने 11 नवंबर को मुंबई से सोने के तस्करों को पकड़ा था। उनके पास से 11.88 किलो सोना (लगभग 15 करोड़ रुपये) और चांदी बरामद हुआ था। इन तस्करों से झांसी के सराफा कारोबारियों का सुराग लगा। मालूम चला कि झांसी में गुपचुप तरीके से तस्करी के जरिये हर महीने करोड़ों रुपये का सोना खपाया जा रहा है।

कई देशों से आता है सोना

दुबई, सिंगापुर, बैंकॉक और ढाका से लाया गया सोना यहां खपाया जाता है। इसकी भनक लगने पर डीजीजीआई अफसरों के भी कान खड़े हो गए। गुपचुप तरीके से कार्रवाई करने के लिए टीम झांसी आ पहुंची। यह कार्रवाई इतनी गोपनीय रखी गई कि स्थानीय जीएसटी अफसरों को भी इसकी भनक नहीं लगने दी गई।

15 घंटे चली कार्रवाई

सूत्रों का कहना है कि करीब 15 घंटे चली कार्रवाई में प्रतिष्ठान के अंदर मौजूद हर लेजर बुक के पन्ने पलटे। छोटे से छोटे आभूषण की तौल कराई गई। उसका विवरण एक प्रारूप में भरा गया। रात करीब 12 बजे टीम अपने साथ कई दस्तावेज लेकर लौट गई। वहीं, इस संबंध में सराफा कारोबारी लखन अग्रवाल कुछ भी कहने को राजी नहीं हुए। संपर्क करने पर उन्होंने इस संबंध में बात करने से मना कर दिया।



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