अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। चार दिन में झांसी का अधिकतम तापमान 11.6 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। रविवार को 26.1 डिग्री सेल्सियस अधिकतम पारा होने से झांसी प्रदेश में सबसे टॉप रहा है। लगातार बढ़ते तापमान ने फसलों के उत्पादन को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है। 30 डिग्री से ज्यादा तापमान पहुंचा तो फसलों का उत्पादन घट सकता है।

महानगर में सुबह से ही अच्छी धूप खिली हुई थी। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, वैसे-वैसे धूप चटक होती गई। हाल ये रहा कि गर्म कपड़े पहनकर धूप में कुछ देर खड़े होने पर लोग परेशान हो उठे। हालांकि, सूरज ढलने के बाद ठंडक जरूर बढ़ गई। झांसी में अधिकतम तापमान 26.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि सामान्य से 3.8 डिग्री ज्यादा है। वहीं, न्यूनतम पारा 8.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 0.2 डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, झांसी का अधिकतम पारा प्रदेश में सबसे ज्यादा रहा। प्रदेश में 24.6 डिग्री सेल्सियस के साथ आगरा दूसरे और 24.4 डिग्री सेल्सियस के साथ मेरठ और अलीगढ़ तीसरे स्थान पर रहे। कृषि विज्ञान केंद्र भरारी के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आदित्य कुमार सिंह का कहना है कि फिलहाल शीतलहर चलने की संभावना नहीं है। दिन में ऐसी ही धूप खिली रहेगी।

फरवरी में सिंचाई की जरूरत पड़ सकती है : डॉ. चतुर्वेदी

रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के शोध निदेशक डॉ. सुशील कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि जलवायु परिवर्तन की वजह से तापमान कभी बढ़ जाता है और कुछ दिन बाद फिर ठंडक हो जाती है। इस ठंड के सीजन में ऐसा कई बार देखने को मिला है। हालांकि, अभी जो तापमान की स्थिति है, वह गेहूं, जौ, सरसों, चना, मटर आदि फसलों के लिए अनुकूल है। एक तरफ, जहां धूप निकलने से सरसों में माहू का प्रकोप नहीं होगा। दूसरी तरफ, पाला न पड़ने से मटर पर विपरीत असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, इस तापमान की वजह से फरवरी में मौजूदा फसलों को एक सिंचाई की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन जब अधिकतम पारा 30 डिग्री और न्यूनतम 15 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है तो फसलों का उत्पादन प्रभावित होने लगता है।

यूं बना तापमान में उतार-चढ़ाव

तारीख अधिकतम न्यूनतम

18 जनवरी 19.6 8.4

17 जनवरी 19.7 9.0

16 जनवरी 14.5 10.0

15 जनवरी 14.4 8.8

(नोट : तापमान डिग्री सेल्सियस में।)



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