चेक बाउंस होने के मामले में कोर्ट ने दोषी को जेल नहीं भेजा। उस पर 1.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

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आगरा में चेक बाउंस होने के मामले में अदालत ने सदर थाना क्षेत्र के प्रतापपुरा निवासी घनश्याम दास को दोषी पाया। अतिरिक्त न्यायालय संख्या-2 के पीठासीन अधिकारी सूबा सिंह ने उनके बुजुर्ग होने की वजह से जेल नहीं भेजा और 1.32 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
अदालत ने आदेश ने कहा कि आरोपी बिक्री कर विभाग का रिटायर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी होने के साथ 72 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति है। अत्यधिक बीमार है। लेनदार और देनदार दोनों सहकर्मी भी रहे हैं। इससे शारीरिक दंड न देकर अर्थदंड से ही दंडित करना तर्क संगत व न्यायोचित प्रतीत होता है।
राम मोहन निर्भय ने अदालत में वाद प्रस्तुत किया था। आरोप लगाया कि वह और आरोपी घनश्याम दास एक ही विभाग में कार्यरत और मित्र थे। आरोपी ने बीमार पत्नी और बेटी का इलाज कराने के लिए 86 हजार रुपये उधार लिए थे। तगादा करने पर 75 हजार और 11 हजार रुपये के चेक दिए। बैंक में लगाने पर बाउंस हो गए।