कन्नौज में एक निर्मोही पिता ने अपने दो साल के घायल कुपोषित बेटे को मरने के लिए तालाब के किनारे छोड़ दिया। बच्चे के सिर में घाव था, जिसमें कीड़े और मवाद पड़ चुके थे। एक स्वास्थ्यकर्मी की नजर जब उस बच्चे पर पड़ी तो उसने चाइल्ड लाइन को जानकारी दी, तब जाकर चाइल्ड लाइन की टीम ने उसे जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया।
मानवता को शर्मसार और संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को पार कर देने वाली यह घटना शहर मानपुर की है। यहां तालाब के किनारे एक दो साल का कुपोषित मासूम दो दिन से घायलावस्था में पड़ा था। लोग निकलते रहे और देखते रहे लेकिन किसी का कलेजा नहीं पसीजा। बच्चे के सिर में गहरा घाव था और उसमें कीड़े और मवाद पड़ चुका था। उधर से जब एक स्वास्थ्य कर्मी गुजरा तो उसकी नजर उस बच्चे पर पड़ी। पता किया तो मोहल्ले के लोगों ने बताया कि यह तो दो दिन से पड़ा है। पिता शराबी है और मां किसी दूसरे के साथ चली गई।
स्वास्थ्य कर्मी ने तत्काल चाइल्ड लाइन पर सूचना दी, जिस पर प्रभारी तौसीफ वारसी और पूजा देवी मौके पर पहुंचे और बच्चे को लेकर जिला अस्पताल गए। वहां उसे पोषण एवं पुनर्वास केंद्र में भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया गया। अब बच्चे की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। बताया गया कि मानपुर गांव निवासी युवक ने बिहार की एक महिला से शादी की थी। कुछ माह पहले उसकी पत्नी बच्चे को छोड़कर कहीं चली गई। बच्चा पिता के पास ही रह गया। किसी तरह उसके सिर में घाव हो गया तो पिता ने उसका इलाज नहीं कराया, बल्कि जब उसमें कीड़े पड़ गए तो उसे तालाब के किनारे मरने के लिए छोड़ दिया और कहीं भाग गया।
गांव के लोग जान भी रहे थे, लेकिन किसी का दिल उस मासूम की जान को लेकर नहीं पसीजा, बल्कि संवेदनहीनता ही दिखाई। चाइल्ड लाइन प्रभारी तौसीफ वारसी ने बताया कि बच्चा क्रिटिकल था, लेकिन अब उसे बेहतर इलाज मिल रहा है। उसकी दादी जिला अस्पताल लेने गईं थीं, लेकिन बच्चा जैविक माता-पिता के ही सुपुर्द किया जाएगा। अभी उसका इलाज चल रहा है। पूर्णतया ठीक होने पर ही उसके बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा।
