
1 of 8
Kannauj accident
– फोटो : अमर उजाला
अमृत भारत योजना के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर कन्नौज और गुरसहायगंज के स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है। सरकार ने स्टेशनों के कायाकल्प के लिए कार्यदायी संस्था नामित की। संस्था ने इमारतों के निर्माण कार्य में शटरिंग का काम अलग-अलग ठेकेदारों को दे रखा है, जो गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
गुरसहायगंज में सात माह पहले शटरिंग टूटने से निर्माणाधीन छज्जा गिर गया था और दो मजदूर घायल हो गए। हादसे को रेलवे ने गंभीरता से नहीं लिया और जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया। अगर पहली घटना से ही रेलवे ने सबक लिया होता और शटरिंग को लेकर गंभीरता दिखाई होती तो शनिवार को कन्नौज में शटरिंग टूटने से बड़ा हादसा न होता।

2 of 8
kannauj accident
– फोटो : amar ujala
कहीं न कहीं अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत हो रहे निर्माण कार्य की शटरिंग पोल खोल रही है। कन्नौज रेलवे स्टेशन का कायाकल्प करने के लिए 13.50 करोड़ और गुरसहायगंज रेलवे स्टेशन के लिए 8.95 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। दोनों ही निर्माणकार्य पूरे करने की दिसंबर 2024 डेड लाइन थी। धीमी रफ्तार के कारण आधा काम भी नहीं हो सका है।

3 of 8
kannauj accident
– फोटो : amar ujala
शनिवार को कन्नौज रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन इमारत का लिंटर गिरने से 26 मजदूर घायल हो गए। इसमें भी शटरिंग टूटने के कारण हादसा होने की पुष्टि की गई है। इमारत की ऊंचाई को गंभीरता से नहीं लिया गया और लकड़ी की पतली-पतली बल्लियों का शटरिंग में प्रयोग हुआ। इसके अलावा पाड़ बनाने में प्रयोग होने वाले लोहे के पाइप भी लगाए गए, जबकि लोहे के गर्डर कम थे।

4 of 8
kannauj accident
– फोटो : amar ujala
जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह का कहना है कि पूरे मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय चार सदस्यीय टीम गठित की गई है। मुख्यालय से टीम जांच करने के लिए आएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

5 of 8
kannauj accident
– फोटो : amar ujala
केस एक
गुरसहायगंज में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत हो रहे निर्माण कार्य चल रहा है। 29 मई 2024 को निर्माणाधीन छज्जा की शटरिंग टूट गई थी। हादसे में दो मजदूर घायल हो गए थे। तत्कालीन डीआरएम रेखा यादव ने पूरे मामले की जांच कराने की बात कही थी। सात माह बीत जाने के बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी।