Kannauj Lok Sabha Result 2024: Ram temple has no effect in Kannauj, Modi's guarantee is also ineffective

जीत के बाद सपा कार्यालय के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी
– फोटो : अमर उजाला

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पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक का फार्मूला इत्रनगरी में कारगर साबित हो गया। यहां न सिर्फ पिछड़े लामबंद हुए, बल्कि संविधान की रक्षा की दुहाई देकर दलित वर्ग भी सपा के साथ हो लिया। यादव और मुस्लिम तो साथ थे ही, गैर यादव भी अखिलेश यादव के साथ हो लिए। अखिलेश यादव को बढ़त मिलती देखकर बड़ी संख्या में सवर्ण वोटराें का भी साथ मिल गया। नतीजा यह कि राममंदिर निर्माण फैक्टर और मोदी की गारंटी भी बेअसर साबित हुई।

केंद्र और प्रदेश सरकर की योजना के बूते चुनावी मैदान में कूदी भाजपा की हर कोशिश सपा की चाल के आगे बेदम साबित हुई। मुफ्त राशन और किसान निधि के बहाने गरीब और किसान तबके को पाला में लाने की कोशिश जरूर की गई, लेकिन सपा की ओर से चलाए गए पीडीए फार्मूला के आग वह कारगर साबित नहीं हुई। भाजपा ने गांव-गांव घूमकर राम मंदिर निर्माण को सरकार की बड़ी उपलबि्ध के तौर पर पेश किया। मुफ्त राशन के बहाने प्रधानमंत्री को गरीबों का रखवाला बताया। लेकिन यह सब बेअसर साबित हुआ।

अखिलेश की बड़ी जीत में सपा के परंपरागत मुस्लिम और यादव के साथ ही बड़ी संख्या में गैर यादव पिछड़ी जातियों के वोटर भी शामिल हुए। बसपा का कोर वोटर भी इस बार उससे छिटक कर सपा के पाले में जा खड़ा हुआ। इसके पीछे सपा और कांग्रेस की ओर से संविधान की रक्षा की दुहाई पर दिए गए जोर को अहम वजह माना जा रहा है। अखिलेश यादव की ओर से लगातार भाजपा पर संविधान की उपेक्षा करने का आरोप और इसकी रक्षा करने का वादा भी दलितों में सकारात्मक संदेश की तरह गया।



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