विभाग की ऑनलाइन मीटिंग में शामिल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी) के निदेशक प्रो. शांतनु दुबे (55) का गुरुवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया। वह सुबह 11:15 बजे आईसीएआर के डायरेक्टर जनरल अटारी से जुड़े केवीके की मीटिंग ले रहे थे। अचानक हालत बिगड़ने पर उनको कार्डियोलॉजी ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रो. शांतनु दुबे के निधन की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया।
दिल्ली में आयोजित एग्रोनॉमी की वर्कशाप से प्रो. शांतनु बुधवार दोपहर ही लौटे थे। गुरुवार को ऑनलाइन मीटिंग में अटारी से संबद्ध सभी 89 कृषि विज्ञान केंद्रों की समीक्षा बैठक चल रही थी। उसी दौरान उनको कुछ बेचैनी हुई और फिर वह धीरे धीरे अपनी सीट पर गिर गए। आसपास मौजूद लोगों ने तत्काल सीपीआर दिया और एक किलोमीटर दूर स्थित कार्डियोलॉजी ले गए। जहां उनको मृत घोषित कर दिया गया। उनकी पत्नी प्रो. उमा शाह आईआईपीआर में कृषि प्रसार प्रमुख हैं।
मूल रूप से बिहार के भागलपुर निवासी डाॅ. दुबे फरवरी 2023 में कानपुर अटारी के निदेशक बने थे। किसान-सहभागी अनुसंधान पर उनके कई शोध पत्र प्रकाशित हैं। उनको अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ के तौर पर विशिष्ट पहचान मिली थी। अटारी कानपुर के माध्यम से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों तक कृ़षि तकनीकों को पहुंचाने की दिशा में हो रहे काम को उन्होंने तेजी से बढ़ाया था।
कृषि विज्ञान केंद्रों पर ड्रोन सुविधा उपलब्ध कराने में उनका प्रमुख योगदान रहा। उन्होंने नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनडीआरआई) से डेयरी एक्सटेंशन एजुकेशन में डिग्री और पीएचडी हासिल की है। वह पहले शिमला और मेघालय में केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र और नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में भी कार्य कर चुके हैं। उनके निधन पर सीएसए, केवीके के सभी वैज्ञानिकों, कर्मचारियों ने शोक व्यक्त किया है।
