मार्ग दुर्घटना में मौत से संबंधित 14 साल पुराने मुकदमे में वादी भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी के कोर्ट में गवाही देने नहीं पहुंचने पर गुरुवार को सीजेएम सूरज मिश्रा ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। इस बात की जानकारी होते ही विधायक ने दोपहर बाद कोर्ट में समर्पण कर दिया। उनकी मांग पर कोर्ट ने वारंट निरस्त करते हुए दो जनवरी 2026 को गवाही के लिए कोर्ट आने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड के चमोली निवासी इंजीनियर पुनीत मोहन ढिमरी गीतानगर में किराये के मकान में रहते थे। नौ फरवरी 2011 को पुनीत टेंपो पर आगे की सीट पर बैठकर मालरोड स्थित टेलीफोन एक्सचेंज में खराब बीटीएस सही करने जा रहे थे। इसी दाैरान बेनाझाबर आकाशवाणी के पास पीछे से आ रहे टेंपो ने टक्कर मार दी। हादसे में पुनीत की मौके पर ही मौत हो गई और चालक फरार हो गया था।
पुनीत के रिश्तेदार नवीननगर निवासी सुरेंद्र मैथानी ने स्वरूपनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचना के दौरान पुलिस ने टेंपो चालक बेकनगंज के तलाक महल निवासी मुश्ताक अली को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई तब से मुकदमा लंबित चल रहा है। मुकदमे में वादी सुरेंद्र मैथानी की गवाही होनी थी लेकिन बार-बार समन भेजने के बावजूद मैथानी गवाही देने कोर्ट नहीं पहुंच रहे थे। मुकदमा 14 साल पुराना होने के कारण कोर्ट ने गुरुवार को उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। इस बात की जानकारी होते ही सुरेंद्र ने दोपहर बाद कोर्ट में समर्पण कर दिया जिस पर कोर्ट ने उन्हें 20 हजार रुपये का निजी मुचलका दाखिल करने पर रिहा कर दिया। आदेश दिया कि गवाही पूरी होने तक वह जब भी न्यायालय में बुलाया जाएगा हाजिर होंगे।