फरीदाबाद में विस्फोटक मिलने और दिल्ली विस्फोट की कड़ियां कानपुर से जुड़ती जा रही हैं। डॉ. शाहीन, डॉ. परवेज, डॉ. आरिफ के बाद जांच एजेंसियों के सामने कुछ और संदिग्धों के नाम आए हैं। उनकी जानकारी जुटाने के लिए बुधवार को एजेंसियों की एक टीम ने शहर में छह जगहों पर दबिश दी। हरियाणा नंबर की कार के साथ कुछ और पुरानी कारों की बिक्री को लेकर पूछताछ की गई।
विस्फोट से 25 दिन पहले डॉ. शाहीन सईद के कानपुर में होने के इनपुट मिलने के बाद जांच एजेंसियों ने शहर में नजरें गड़ा दी हैं। उनकी जांच चोरी छिपे देश विरोधी गतिविधियों से जुड़े लोगों पर चल रही है। इसमें पूर्व की घटनाओं में नाम आए आरोपियों के अलावा डॉ. शाहीन, डॉ. परवेज और उससे जुड़े लोग शामिल हैं। एटीएस, एनआईए और अन्य एजेंसियों उनकी मौजूदा गतिविधियों को देख रहे हैं। उनसे हाल में कश्मीर गए या दूसरे देशों की यात्रा का ब्योरा खंगाला जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक एजेंसियों को विस्फोट के बाद आरोपियाें और उनसे जुड़े लोगों के कई पुरानी कारें खरीदने की जानकारी हुई है। कानपुर पहले से ही कारों का बड़ा बाजार रहा है। यहां पर पुरानी कारें आसानी से मिल जाती हैं। आरोपियों से मिली जानकारी के बाद सोमवार और मंगलवार को तीन संदिग्धों से पूछताछ हुई थी। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने रावतपुर क्षेत्र से जानकारी जुटाई। यहां की कुछ सर्विसिंग और डेंटिंग-पेंटिंग करने वालों से पूछताछ हुई। टीम में शामिल अधिकारियों ने हरियाणा नंबर की एक कार के बारे में सख्ती से सवाल-जवाब किए। सूत्र बताते हैं कि दो युवकों को देर शाम टीम अपने साथ लेकर दिल्ली गई है।
40 से अधिक की जुटाई गई जानकारी
जांच एजेंसियों के इनपुट पर पुलिस ने कानपुर, इटावा, कन्नौज, फतेहपुर समेत आसपास के जिलों से अब तक 40 से अधिक संदिग्धों की जानकारी जुटाई है। इसमें कुछ बड़े कारोबारी और प्रापर्टी के व्यवसाय से जुड़े लोग हैं। पुलिस की ओर से इनकी जानकारी भेजी जा रही है।
कश्मीरी छात्रों का सत्यापन शुरू
पुलिस, एलआईयू और खुफिया ने शहर में रहकर इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्रबंधन समेत अन्य कोर्स कर रहे कश्मीरी छात्रों का सत्यापन शुरू कर दिया है। सबसे अधिक कश्मीरी छात्र एचबीटीयू और उसके बाद आईआईटी में हैं। यह कार्य बेहद सतर्कतापूर्वक हो रहा है जिससे अन्य छात्र किसी भी तरह से भयभीत न हो सकें।
