कोहरे में वीआईपी ट्रेनों के लेट होने पर यात्रियों को भोजन तक नहीं दिया जा रहा। ऐसी ही एक शिकायत वंदे भारत में सफर कर रही युवती के पिता ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर की है। दिल्ली से वाराणसी जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस शनिवार को छह घंटा देरी से कानपुर सेंट्रल आई थी। इसके साथ ही तेजस, राजधानी, वंदे भारत सहित 52 ट्रेनें 18 घंटे तक देरी से कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचीं।

प्रताप साहनी ने शिकायती पत्र देते हुए बताया कि उनकी बेटी अश्लेषा साहनी शनिवार को नई दिल्ली से वाराणसी जाने वाली 22416 वंदे भारत से आ रही थी। कोच नंबर-सी आठ की सीट नंबर-34 पर वह थी। ट्रेन दिल्ली से तीन बजे चलकर कानपुर सेंट्रल पर शाम 07:08 बजे आती है लेकिन शनिवार को कोहरे की वजह से यह करीब छह घंटा देरी से रात 12:44 बजे आई और एक बजे वाराणसी के लिए रवाना हुई। नियमानुसार, प्रीमियम ट्रेन तीन घंटे लेट होने पर डिनर देने का प्रावधान है लेकिन वंदे भारत में नहीं दिया गया। स्नैक्स भी दिया जो बहुत ही बेकार था और अधिकतर लोगों ने नहीं खाया। रास्ते भर बेटी व अन्य यात्री परेशान रहे लेकिन कोच अटेंडेंट ने कोई ध्यान नहीं दिया।

डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी 10 घंटा लेट

रविवार को कोहरा अधिक होने से ट्रेनों की चाल धीमी पड़ गई। ट्रेन नंबर- 22416 वंदे भारत चार, 12430 डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी 10, 20507 सैरंग-आनंद विहार राजधानी 07:45 घंटे, 82501 लखनऊ-नई दिल्ली तेजस छह, 02563 बरौनी-नई दिल्ली स्पेशल 16 घंटे, 04116 एलटीटी-सूबेदारगंज स्पेशल 14 घंटे, 04152 एलटीटी-कानपुर सेंट्रल स्पेशल 18 घंटे, 12452 नई दिल्ली-कानपुर सेंट्रल श्रम शक्ति छह, 14117 कालिंदी एक्सप्रेस पांच, 02570 दरभंगा स्पेशल पांच घंटे देरी से कानपुर सेंट्रल स्टेशन आईं।

गलन ने बढ़ाई परेशानी

ट्रेनों की लेटलतीफी की वजह से सेंट्रल स्टेशन व गोविंदपुरी पर यात्री ठिठुरन में इंतजार करने को विवश हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत आसपास के जिलों से यहां आकर ट्रेन पकड़ने वालों को हो रही है। हालत यह है कि प्रतीक्षालय फुल हो गए। फुटओवर ब्रिज से लेकर प्लेटफॉर्म के फर्श और पोर्टिको तक यात्री बैठे दिखे।



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