माहौल में ठंड बढ़ने के साथ ही हार्ट अटैक के रोगी बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हेमरेज के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। गुरुवार को एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में हार्ट अटैक के लक्षण वाले 60 रोगी भर्ती किए गए। हैलट इमरजेंसी में ब्रेन स्ट्रोक और हेमरेज के 12 रोगी आए। नौ रोगियों की अस्पताल पहुंचने के पहले ही जान चली गई। इसमें कार्डियोलॉजी में सात और हैलट में दो ब्रॉट डेड रोगी आए।

कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में सभी बेड फुल हो गए हैं। इसके साथ ही आईसीयू भी रोगियों से भरा हुआ है। रोगियों को भर्ती करके इलाज करने के लिए 25 हाई टेक ट्रॉली लगाई गई हैं। इसके साथ ही पेस मेकर लगवाने वाले रोगियों की संख्या दोगुना हुई है। सिंतबर-अक्तूबर में औसत सात पेसमेकर लगते थे अब 15 लग रहे हैं। इसी तरह स्टेंट लगाए जाने वाले रोगियों की प्रतिदिन औसत संख्या 20 से बढ़कर 40 हो गई है।

इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि जाड़े में ब्रॉट डेड रोगियों की बढ़ जाती है। सात रोगी ब्रॉट डेड आए हैं। अस्पताल पहुंचने के पहले ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि रोगियों के इलाज के लिए दवा समेत पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं।

विशेषज्ञों ने बताया कि डायबिटिक न्यूरोपैथी के रोगियों को साइलेंट अटैक पड़ रहा है। इसमें एंजाइना नहीं होता। वहीं हैलट इमरजेंसी में ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हेमरेज के 12 रोगियों को भर्ती किया गया। ठंड में ब्लड प्रेशर अधिक बढ़ने के कारण मस्तिष्क की नस फट गई। हैलट इमरजेंसी में ब्रेन हेमरेज के दो रोगी ब्रॉट डेड पहुंचे। परिजन रोगियों को पहले नर्सिंगहोम ले गए, इसके बाद हैलट रेफर कर दिया गया। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. बीपी प्रियदर्शी ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक के औसत 11-12 रोगी प्रतिदिन आ रहे हैं। इनमें ज्यादा संख्या मस्तिष्क की नस फटने वाले रोगियों की होती है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *